वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। दीपावली पर्व समाप्त होते ही किसानों के द्वारा अपनी उपज बेचने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। जिनके द्वारा कृषि उपज मंडी में आकर अपनी उपज को सस्ते दामों में जरूरत के आधार पर बेचने का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान उनके द्वारा शासन से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी जल्द प्रारंभ करने की मांग भी की जा रही है। क्योंकि इस दौरान उन्हें अपनी उपज बेचने में हानि उठानी पड़ रही है परंतु मजबूरी में वह अपनी धान लेकर मंडी पहुंच रहे हैं। इस दौरान वारासिवनी क्षेत्र ही नहीं आसपास के दूर दराज ग्राम से भी लोग अपनी उपज बेचने के लिए आ रहे हैं। वारासिवनी कृषि उपज मंडी में किसानों को जिले की अन्य मंडियों से अच्छा रेट मिल पा रहा है परंतु शासन का निर्धारित समर्थन मूल्य यहां भी उन्हें उपलब्ध नहीं हो रहा है। इस परिस्थिति में किसान परेशान है जो सोसाइटी में भी जाकर पता कर रहे हैं परंतु कब तक शासन की समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ होगी यह निश्चित नहीं बताया जा रहा है। केवल दिसंबर में संभावना व्यक्त की जा रही है ऐसे में किसानों को सस्ते दाम में अपनी उपज बेचने के लिए बाजार में आना पड़ रहा है।
किसान अपनी आर्थिक जरूरत पूरी करने बेच रहे उपज
किसानों के द्वारा खरीफ की फसल लगाई गई थी जो तैयार हो गई है और उसे कटाई चुराई कर ली गई है। ऐसे में दीपावली पर्व भी समाप्त हो चुका है जिसके बाद मंडई मेले का दौर प्रारंभ हो गया है वहीं किसानों के द्वारा खेत में जो कृषि कार्य करवाया गया था। उसमें लगने वाली मजदूरी का भुगतान उधार था जो आप उन्हें देना है तो वही परिवार में भी रिश्तेदारों का आना-जाना प्रारंभ हो गया है जिससे किसानों को आर्थिक मजबूती की जरूरत है। ऐसे में किसान अपनी उपज मंडियों में लाकर व्यापारियों को बेच रहे हैं। जहाँ देखने में आ रहा है कि उन्हें निर्धारित समर्थन मूल्य से 200 से 300 रुपए काम में अपनी धान बेचनी पड़ रही है। ऊपर से किराया भी वहन करना पड़ रहा है ताकि वह अपनी आर्थिक जरूरत को पूरा कर सके। गरीब मजदूर जो समय पर कार्य कर कर दिए थे उनका भी भुगतान किया जा सके इसमें वह रास्ता देख रहे थे कि यदि सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रारंभ कर देती है तो 8-10 दिन में उन्हें रुपए प्राप्त हो जाएंगे। जिससे वह अपना उधर भुगतान एवं जरूरत के खर्च कर सकेंगे परंतु समर्थन मूल्य खरीदी के कोई असर स्पष्ट नहीं होने से वह समय पर अपनी उपज बेचने आ रहे हैं। हालांकि इस दौरान बारीक धान लेकर भी किसान आ रहे हैं तो उन्हें अच्छा रेट मिल रहा है।
किसान लोकेश पंडावर ने बताया कि मैं ग्राम बकेरा से अपनी धान बेचने के लिए कृषि उपज मंडी में आया हूं। मेरे द्वारा खेत में लगाया गया इस वर्ष का मोटा धान 1010 लेकर आया हूं। यह धान मुझे अपनी आर्थिक जरूरत के लिए बेचना पड़ रहा है वर्तमान में समिति बंद है खरीदी प्रारंभ नहीं हुई है जिसमें दिसंबर में 15 तारीख तक खरीदी प्रारंभ होने की बात कही जा रही है। निश्चित कुछ नहीं है इसलिए हमें बाजार में आना पड़ा अभी हमें खेत में काम करने के दौरान लगने वाली मशीन मजदूर और बाकी घर का खर्च चलाने के लिए रुपए की आवश्यकता है। मंडई मिले का समय भी प्रारंभ है यहां पर हमने मोटा धान अपना 2070 रुपए में दिया है सोसाइटी में समर्थन मूल्य 2300 है। नुकसान तो हुआ है परंतु जरूरत के लिए करना पड़ा हम चाहते हैं कि सोसायटी की खरीदी जल्द चालू हो जाये हमारे द्वारा 20 क्विंटल धान यहां पर लाया गया था जो बेच दिया गया है।
किसान देवीप्रसाद राणा ने बताया कि मैं उमरवाड़ा का किसान हूं मेरे द्वारा बारीक में श्री राम और साथ में मोटा धान भी लेकर आया हूं। सोसायटी की अभी समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रारंभ नहीं हुई है खेती में हमारा रुपया खर्च हुआ है अब जो लोगों को देना है तो उसके लिए सोसाइटी चालू होने की रास्ता देखी गई। परंतु ज्यादा समय होने से मंडी में आए हैं 2075 रुपए में हमारा मोटा धान गया है सोसाइटी में 2300 रुपए है यहां पर कम मिला परंतु क्या करें और मैं नहीं मेरे जैसे बहुत किस यहां पर है। वर्तमान में मजदूर ट्रैक्टर मशीन और पिसाई वाले को पैसे देना है समिति की खरीदी चालू नहीं होने से नुकसान तो है ही इसमें 200 से 250 रुपए प्रति क्विंटल घाटा है। पहले नवंबर से या खरीदी चालू हो जाती थी परंतु अभी दिसंबर से होती है मोटा धान सभी ने काट लिया है बारीक धान की अभी कटाई बची है। हम यही चाहते हैं कि समर्थन मूल्य पर जल्द से जल्द खरीदी प्रारंभ हो जाये।
इनका कहना है
दूरभाष पर चर्चा में बताया कि वर्तमान तक शासन से समर्थन मूल्य धान खरीदी को लेकर किसी भी प्रकार का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है जिससे जानकारी स्पष्ट नहीं है परंतु आदेश मिलने के उपरांत धान खरीदी प्रारंभ कर दी जाएगी।