सरपंचों की हड़ताल से पंचायतों में लटके ताले

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प्रदेशभर के ग्राम पंचायतों के सरपंचों के द्वारा नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम को बंद करने सहित अन्य मांगों को लेकर ५ फरवरी से पंचायतों में तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की गई है। इसी कड़ी में जनपद पंचायत लालबर्रा के सरपंचों के द्वारा भी ५ फरवरी से पंचायतों में तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रही है एवं सरपंचों के हड़ताल पर चले जाने के कारण शासन की समस्त योजनाओं का क्रियान्यन प्रभावित होने के साथ ही पंचायतों में ताले लटके होने के कारण पंचायतों से संबंधित कार्य करवाने में भी ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और पंचायतों में ताले लटके होने के कारण बिना कार्य करवाये वापस हो रहे है। सरपंचों की अनिश्चितकालीन हड़ताल दूसरे दिन ६ फरवरी को भी जारी है। लालबर्रा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ७७ ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने पंचायती राज अधिनियम १९९३ में सरपंचों को पूर्व में दिये गये अधिकार को दिये जाने, नेशनल मोबाईल ट्रैकिंग सिस्टम को बंद करने सहित अन्य मांगों को जल्द पूरी किये जाने की मांग शासन-प्रशासन से की है।

एनएमएमएस सिस्टम वापस नहीं लेने पर सरपंच नहीं करेंगें कोई भी निर्माण कार्य

आपकों बता दे कि सरकार के द्वारा मजदूरों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करवाने के लिये नेशनल मोबाईल मॉनिटरिंग सिस्टम लांच किया गया है जिसके माध्यम से मजदूरों की उपस्थिति दर्ज की जाती है परन्तु कई बार किसी कारणवश उपस्थिति दर्ज नहीं होने पर मजदूर अनुपस्थित कहलाते है ऐसे में उन्हें मजदूरी का भुगतान भी नहीं हो पा रहा है जिससे मजदूरों का अहित हो रहा है। इस सिस्टम का विरोध कर रहे सरपंचों का कहना है कि यदि सरकार के द्वारा यह सिस्टम वापस नहीं लिया जाता है हमारे द्वारा किसी भी तरह का कोई भी नवीन निर्माण कार्य नहीं करवाया जायेगा और ना ही अपूर्ण कार्य को पूर्ण किया जायेगा एवं पंचायती राज अधिनियम १९९३ में सरपंचों को पूर्व में दिये गये अधिकार को वापस दिये जाने सहित अन्य मांगों को लेकर ५ फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रही है और उक्त मांगे जब तक पूरी नही होती जब तक हड़ताल किये जाने की बात कही है।

क्या है एनएमएमएस सिस्टम

मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य करने वाले मजदूरों की उपस्थिति प्रात: ९ बजे से १२ बजे तक नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से दर्ज करवाई जानी है जिसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि यदि तय समय सीमा में सर्वर की समस्या के चलते या नेटवर्क की समस्या के कारण मजदूर के कार्य में उपस्थित होने के बाद भी उपस्थिति दर्ज नहीं हो पायेगी ऐसी स्थिति में वह मजदूर काम करने के बाद भी अनुपस्थित कहलायेगा और उसके द्वारा जो कार्य किया गया है उपस्थिति दर्ज नहीं होने के कारण उसका मजदूरी का भुगतान भी नहीं हो पायेगा जिससे सरपंच व मजदूरों में आपसी मनमुटाव व तनाव की स्थिति निर्मित हो जाती है इसलिए सरपंचों के द्वारा पंचायती राज अधिनियम १९९३ में सरपंचों को पूर्व में प्रदान की गई शक्तियों को वापस दिए और नेशनल मोबाईल ट्रेकिंग सिस्टम को अंदर करने सहित ९ सूत्रीय मांगों को लेकर ग्राम पंचायतों में तालाबंदी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल की जा रही है।

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