सहारा कंपनी में काम करने वाले लालबर्रा के प्रबंधक एवं एजेंटों ने २२ फरवरी को लालबर्रा थाना पहुंचकर जमाकर्ताओं (खाताधारकों) के द्वारा कंपनी के एजेंटों पर राशि गबन करने एवं अवैध वसूली का आरोप का विरोध करते हुए थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर झूठी शिकायत पर कार्यवाही न करने एवं भारत सरकार से जमा राशि को वापस दिलवाने की गुहार लगाई है। आपकों बता दे कि सहारा कंपनी में लालबर्रा क्षेत्र के एजेंट एवं प्रबंधक के द्वारा ग्रामीणजनों की राशि जमा की गई है और समय-समय पर मैच्युरिटी भी दिलवाई गई है परन्तु विगत समय से सहारा सेबी विवाद के चलते जमाकर्ताओं का भुगतान समय पर नही हो पा रहा है। जिसके कारण जमाकर्ता (सहारा कंपनी के खाताधारक) के साथ ही एजेंट (कार्यकर्ता) खासा परेशान है और जमाकर्ताओं के द्वारा कंपनी के एजेंट व प्रबंधक पर राशि वापस नही दिलवाने एवं राशि गबन करने का आरोप भी लगाया जा रहा है। जिसके कारण सहारा कंपनी में काम करने वाले एजेंटों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही सहारा कंपनी और सेबी विवाद के चलते जमाकर्ताओं का भुगतान नही होने पर सुप्रीम कोर्ट एवं गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा मार्च २०२३ में उसका रास्ता निकाला गया है एवं सैंट्रल रजिस्ट्रार विभाग को जमाकर्ता का भुगतान करवाने की जिम्मेदारी दी गई है। जिसके लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सहारा सेबी खाते से ५००० करोड़ रूपये की राशि सैंट्रल रजिस्ट्रार को देने की व्यवस्था बनाई गई है और सैंट्रल रजिस्ट्रार द्वारा भुगतान के लिए भारत सरकार का एक पोर्टल भी बनाया गया है एवं उन्ही की निगरानी में भुगतान हेतु ऑनलाईन आवेदन लेने, जांच करने एवं भुगतान का कार्य होना है परन्तु आवेदन करने के बाद भी सहारा कंपनी में जमा राशि वापस नही होने के कारण जमाकर्ता के साथ ही एजेंट भी खासा परेशान है। साथ ही गत दिवस ग्राम पंचायत अमोली के सहारा कंपनी के खाताधारकों ने प्रबंधक एवं एजेेंटों पर राशि गबन कर हेराफेरी करने का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत की थी। वहीं एजेंट व प्रबंधकों का कहना है कि जमाकर्ताओं के द्वारा एजेेंट एवं प्रबंधक ों पर दबाव व आरोप लगाया जा रहा है कि उनके द्वारा राशि गबन कर ली गई है जिसे समस्त सहारा कंपनी के एजेंट व प्रबंधकों ने उक्त आरोप को निराधार एवं बेबुनियाद बताते हुए कहा कि अवैध रूप से राशि की वसूली नही की गई है। सभी जर्माकर्ताओं का रूपये (पैसा) सहारा कंपनी में जमा कर दिया है और मैच्युरिटी की प्रक्रिया जारी है। इसलिए पुलिस प्रशासन से मांग है कि जमाकर्ता झूठी शिकायत कर हमारी छबी को धुमिल करने का प्रयास कर रहे है जो गलत है ऐसे व्यक्ति पर वैधानिक कार्यवाही एवं भारत सरकार सहारा कंपनी में जमाकर्ताओं का रूपये जल्द वापस दिलवाने की मांग को लेकर २४ फरवरी को थाना पहुंचकर ज्ञापन सौंपा गया है। चर्चा में सहारा कंपनी लालबर्रा के एजेेंट व प्रबंधकों ने बताया कि हमारे द्वारा विगत कई वर्षाे से सहारा कंपनी (समूह) की अनेक योजनाओं में अलग अलग क्षेत्रों में जमाकर्ताओं का रूपये जमा किया जाता था किन्तु पिछले कुछ समय से सहारा सेबी विवाद के चलते जमाकर्ताओं का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा है, जिसके लिये माननीय सुप्रीम कोर्ट एवं गृहमंत्री अमित शाह जी द्वारा मार्च २०२३ में उसका समाधान कर सेंट्रल रजिस्ट्रार विभाग को जमाकर्ता का भुगतान करवाने की जिम्मेदारी दी गई। जिसके लिये सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सहारा सेबी खाते से ५००० करोड़ रूपये की राशि सैंट्रल रजिस्ट्रार को देने की व्यवस्था बनाई गई और आदेश भी जारी कर दिये गये। राशि का भुगतान करने के लिये सैंट्रल रजिस्ट्रार द्वारा भारत सरकार का एक पोर्टल बनाया गया जिसकी निगरानी में ऑनलाईन आवेदन प्राप्त कर उसकी जांच के पश्चात राशि का भुगतान प्रारंभ है। बावजूद इसके जमाकर्ताओं के द्वारा हम पर यह दबाव व आरोप लगाया जा रहा है कि हमारे द्वारा उनकी राशि का गबन कर लिया गया है उनसे अवैध वसूली की गई है। यह पूरी तरह से गलत व बेबुनियाद है, हमारे द्वारा किसी तरह की अवैध राशि नहीं वसूली गई है सभी जमाकर्ताओं का पैसा सहारा कंपनी (समूह) में जमा कर दिया गया है, जमाकर्ता झुठी शिकायत कर हमारी छबि को धुमिल करने का प्रयास कर रहे है जो गलत है।
दूरभाष पर चर्चा में सहारा कंपनी के एजेेंट (कार्यकर्ताओं) के द्वारा लिखित शिकायत की गई है कि सहारा सेबी विवाद के चलते जमाकर्ताओं का भुगतान समय पर नही हो रहा है और जमाकर्ता झूठी शिकायत कर परेशान कर रहे है। मामले की जांच कर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।