25 अगस्त को भारतीय मजदूर संघ कार्यालय में निष्कासित संविदा प्रेरक संघ ने बैठक की और आगामी 5 सितंबर को बालाघाट प्रवास पर आ रहे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मिलकर उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराने और निष्कासित संविदा प्रेरक की बहाली को लेकर रणनीति बनाई गई। संविदा प्रेरक संघ प्रदेश संयोजक राजेश लिल्हारे ने बताया आज एक आवश्यक बैठक निष्कासित संविदा प्रेरक संघ की आयोजित की गई थी जिसमें आगामी 5 सितंबर को मुख्यमंत्री के आगमन हो रहा है जिसमें प्रेरकों की मांगों को लेकर उनको अपना मांग पत्र सोपना है और संविदा प्रेरकों की बहाली को लेकर उनसे अपील की जाएगी। आज उसे संबंध में जिला स्तरीय बैठक की गई।जिस तरह से मुख्यमंत्री जी ने बैतूल में प्रेरक संघ के मुलाकात पर उन्होंने प्रेरको के लिए पहल करने का भरोसा दिलाया है, उससे हमें विश्वास है कि वह प्रेरकों के भविष्य को लेकर अच्छी पहल करें। हम लोगों को मार्च 2018 में निष्कासित किया गया साक्षर भारत योजना के अंतर्गत हम लोग कार्यरत थे । केंद्र सरकार के द्वारा साक्षर भारत की जो अवधि थी 2018 तक उसे अवधि तक प्रेरकों ने कार्य किया। सरकार के द्वारा प्रेरकों की भर्ती की गई थी उनके मंशा के अनुसार हम प्रेरकों के द्वारा शत प्रतिशत सफल हो चुके हैं मध्य प्रदेश में 85% तक साक्षर ता प्रतिशत बड़ी है इसके आधार पर ही मध्य प्रदेश सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता पुरस्कार भी मिला है लेकिन बेरोजगार 23000 प्रेरक अपनी बहाली को लेकर आशान्वित है। हमारी मांग है कि 2018 से बंद किये गये प्रदेश के सभी संविदा शिक्षक प्रेरकों की सेवायें सरकार बहाल करें। श्री लिल्हारे ने बताया कि आगामी 5 सितंबर को बालाघाट आ रहे मुख्यमंत्री जी से प्रेरक संघ, मुलाकात कर उन्हें प्रेरकों को बहाल करने की मांग की जाएगी और 8 सितंबर को मनाये जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक दिवस तक इंतजार करेगा, बावजूद इसके सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो फिर भोपाल में बड़ा आंदोलन किया जायेगा। जिसमें पूरे प्रदेश के 23 हजार प्रेरक शामिल होकर सरकार का विरोध करेंगे।