जिले में साइबर क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। तमाम प्रयासों के बाद भी लोग लालच में फंसकर अपनी जमा-पूंजी और मान-प्रतिष्ठा गंवा रहे हैं। कोतवाली स्थित साइबर नोडल शाखा में पिछले 15 दिनों में लोन फ्रॉड और ब्लैक मेलिंग के 6 मामले सामने आए हैं। आपको बता दें कि जिले में सबसे अधिक लोन फ्रॉड, यूपीआई पिन से जुड़े मामले आते हैं। साइबर पुलिस लगातार ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए लोगों के लिए अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित करती है। कॉलेज, स्कूलों में भी साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता शिविर भी लगाए जाते हैं, लेकिन पुलिस के यह प्रयास फिलहाल नाकाम साबित हो रहे हैं।
साइबर नोडल शाखा में पदस्थ महिला आरक्षक चांदनी शांडिल ने बताया कि साइबर शाखा में ब्लैकमेलिंग के दो मामले की शिकायत पीड़ितों द्वारा की गई है। इसमें एक व्यक्ति से आरोपी ने बदनाम करने का डर दिखाकर 73 हजार रुपए ऐंठ लिए। इसके लिए पीड़ित को आरोपी द्वारा पहले वीडियो कॉल किया गया, जिसमें पीड़ित का अश्लील वीडियो बना लिया गया। इसी वीडियो को पीड़ित के रिश्तेदारों और परिचितों को भेजकर पैसों की डिमांड की गई। साइबर पुलिस ने लोगों को ऐसे वीडियो कॉल अटेंड न करने की अपील की है।
वहीं लोन फ्रॉड के बढ़ते मामले ने एक बार फिर लोगों को सचेत रहने का संदेश दिया है। साइबर शाखा में पदस्थ महिला आरक्षक मेघा तिवारी ने बताया कि लोन फ्रॉड के तहत आरोपी द्वारा पीड़ित को कॉल कर 2 से 3 हजार रुपए का छोटा लोन देने का लालच दिया जाता है। इसी तरह एक पीड़ित की रजामंदी के बाद उसे एक ऐप डाउनलोड कराया गया। जिसमें पीड़ित के कांटेक्ट और गैलरी में प्रवेश करने की अनुमति मांगी गई। पीड़ित को 2 हजार रुपए का लोन तो मिल गया, लेकिन उसके मोबाइल में सेव फ़ोटो और कांटेक्ट आरोपी के पास पहुंच गए। इसके बाद आरोपी द्वारा पीड़ित की फोटो को अश्लील बनाकर सार्वजनिक करने की धमकी दी गई। बदनामी के डर से पीड़ित से करीब 72 हजार रुपए की डिमांड की गई। लोन फ्रॉड और ब्लैकमेलिंग के दोनों ही मामलों की साइबर शाखा पुलिस जांच कर रही है।