साहसिक सतीश कुमार के ओलंपिक मेडल का सपना टूटा, क्‍वार्टर फाइनल में थमा सफर

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टोक्‍यो: घायल सतीश कुमार (+91 किग्रा) ने विश्‍व चैंपियन बखोदीर जालोलोव के सामने दमदार प्रदर्शन जरूर किया, लेकिन उज्‍बेकिस्‍तान के मुक्‍केबाज को वह मात देने में नाकाम रहे। सतीश कुमार को क्‍वार्टर फाइनल में जालोलोव के हाथों शिकस्‍त मिली। इसी के साथ भारतीय बॉक्‍सर का रविवार को टोक्‍यो ओलंपिक्‍स गेम्‍स में अभियान भी खत्‍म हो गया।

माथे और ठुड्डी पर कई टाके और प्री-क्‍वार्टर फाइनल में लगे कट के बावजूद सतीश कुमार रिंग में लड़ने आए। हालांकि, उज्‍बेकिस्‍तान के मुक्‍केबाज के सामने सतीश कुमार स्‍कोर करने में सफल नहीं हुए और मुकाबला 0-5 से हार गए। 

बता दें कि जमैका के रिकार्डो ब्राउन के खिलाफ प्री-क्‍वार्टर फाइनल में सतीश को दो कट लगे थे। 32 साल के सतीश ने बखोदीर जालोलोव के खिलाफ मुक्‍के जमाने के प्रयास जरूर किए, लेकिन वह सफल नहीं हुए और उज्‍बेकिस्‍तान के मुक्‍केबाज ने पूरे समय अपना आक्रामक खेल जारी रखा।

तीसरे दौर में सतीश के माथे पर लगा घाव खुल गया, लेकिन इसके बावजूद वह लड़ते रहे। फुटबॉलर से मुक्केबाज बने जालोलोव ने अपना पहला ओलंपिक पदक सुनिश्चित करने के बाद सतीश की बहादुरी की तारीफ की। सतीश सुपर हैवीवेट में क्वालीफाई करने वाले भारत के पहले मुक्केबाज थे। वहीं जालोलोव तीन बार के एशियाई चैम्पियन भी हैं। इसके साथ ही पुरूष मुक्केबाजी में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई। लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) महिला वर्ग में सेमीफाइनल खेलेंगी, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में मुक्केबाजी में भारत का पहला और एकमात्र पदक सुनिश्चित किया है।

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