आखिरकार सिंचाई विभाग ने ७ दिसंबर को सिकन्द्रा माईनर की सुध ले ली है। विभागीय अमले ने अल सुबह ही माईनर का भ्रमण किया और देखा की किस किस स्थान पर बुढक़ा लगा हुआ है। वही किन किन जगह माईनर का मरम्मती कार्य करवाना है। गौरतलब है कि रबी सीजन के लिये किसान को उसके खेत तक पानी पहुॅचे इस बात के लिये विभाग कड़ी मशक्कत कर रहा है ताकि किसान पानी से वंचित न हो सके।
हमने स्वयं रेत भरकर बुढक़ा बुझाने का किया है प्रयास – अमृत सैयाम
इस संबंध मे पद्मेश को जानकारी देते हुये किसान अमृत सैयाम ने बताया कि हमने सिकन्द्रा मायनर की स्वयं रेत भरकर बोरी डालकर कार्य किया है ताकि पानी व्यर्थ न बहे। ७ दिसंबर के दिन विभागीय अधिकारियो ने भी इस बात का संज्ञान लिया है। हम चाहते है कि रबी फसल को नहर का पानी पूरी तरह से खेत मे पहुॅचे ताकि हमारी फसल को पर्याप्त पानी मिल सके।
किसान हित मे विभाग ने उठाया कदम – अनुरसिंह उईके
इसी तरह किसान अनुरसिंह उईके ने पद्मेश को बताया कि सिकन्द्रा माईनर का सिंचाई विभाग ने जो सर्व किया है। वही साफ सफाई कार्य के दिशा निर्देश दिये है। यह किसान हित मे है। नहर मे कई जगह बुढक़ा लग जाने की वजह से किसान के खेत तक पानी नही पहुॅच पाता था। अब किसान को सीधे राहत मिलेगी। उसे उसके खेत तक पानी पहुॅच पायेगा। किसान की उपज भी अच्छी होगी। हम लोग सिंचाई विभाग के कार्य से खुश है।
हम भी चाहते है कि किसान के सीधे खेत मे पहुॅचे पानी – पृथ्वीराज चौरे
इसी तरह सिंचाई विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी पृथ्वीराज चौरे ने पद्मेश को बताया कि ७ दिसंबर को विभाग ने नहर की सुध ली है। खासकर सिकन्द्रा मायनर की हम भी चाहते है कि किसान को सीधे उसके खेत मे पानी पहुॅच जाये। यह इलाका टेल क्षेत्र कहलाता है। उसके बाद भी विभाग जैसे तैसे पानी पहुॅचाने का प्रयास कर रहा है। सुबह हमने देखा कि नहर मे किसी प्रकार का सर्वे कार्य किया जा रहा है। हम भी चाहते है कि विभाग इस कार्य को अच्छी तरह से करे। रही बात बुढक़े की तो सिकन्द्रा मायनर मे लाईनिंग कार्य नही हुआ है। जहां भी लाईनिंग कार्य होता है उसे पहले डिस्मेलटींग किया जाता है उसके बाद ही बुढक़े को बुझाने का प्रयास किया जाता है।
जब इस संबंध मे प्रभारी एसडीओ सिंचाई विभाग कोमल गजभिये से बदूरभाष पर संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नही हो पाया