बालाघाट किरनापुर पुलिस ने सिवनी सनसनीखेज अंधे हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए 90 वर्षीय वृद्धा सुभद्राबाई नागेश्वर की हत्या करने के आरोप में उसी के पोते मूलचंद पिता भाउलाल नागेश्वर 34 वर्ष ग्राम सिवनी खुर्द निवासी को गिरफ्तार कर लिया। 7 मार्च को दिनदहाड़े इस व्यक्ति ने पैसों के लालच में आकर अपनी 90 वर्षीय की दादी की मुंह दबाकर हत्या कर उसके पास रखे 12 हजार रुपये और गले में पहनी चांदी की हसली की निकाल ली थी। किरनापुर पुलिस ने इस आरोपी को बालाघाट की विद्वान अदालत में पेश कर दिए जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल भिजवा दिया गया है।
निसंतान थी सुभद्रा बाई अपने जेठ के लड़के के लड़के भाउलाल नागेश्वर को ली थी गोदपुत्र
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुभद्रा बाई नागेश्वर की संतान थी। जिसने अपने जेठ के लड़के के लड़के भाऊलाल नागेश्वर को गोद ली थी। भाऊलाल की दो पत्नी है। पहली पत्नी से दो लड़की अनीता और ललिता है। दोनों की शादी हो चुकी है और दूसरी पत्नी से चार संतान जिनमे मूलचंद, फूलचंद सीता और गीता है ।सभी चारों की शादी हो चुकी है। भाऊलाल की पहली पत्नी की लड़की अनीता खरे गांव में ही अपने परिवार के साथ रहती है। जिसके पास सुभद्रा बाई नागेश्वर रहती थी। अनीता खरे के घर के पास ही उसका भाई मूलचंद नागेश्वर अपने परिवार के साथ रहता है। बताया गया है कि भाऊ लाल के परिवार के लोग खेती किसानी करते हैं और बाकी समय नागपुर हैदराबाद में काम करने जाते हैं अनीता का बेटा आयुष खरे भी हैदराबाद काम करने जाता है।
हैदराबाद से आकर नाती आयुष ने सुभद्राबाई को दिए थे 12 हजार रुपये
7 मार्च को अनीता खरे काम करने के लिए चली गई थी। घर में सुभद्राबाई नागेश्वर थी 12:00 बजे करीब आयुष खरे हैदराबाद से अपने घर सिवनी खुर्द आया था। जिसने अपनी दादी सुभद्रा बाई को 12 हजार रुपये दिए थे। और बाल कटवाने के लिए किरनापुर जा रहा था किंतु उसकी गाड़ी में पेट्रोल खत्म होने से उसके मामा मूलचंद नागेश्वर ने उसे पेट्रोल लाने के लिए अपनी मोटरसाइकिल दी। इसके बाद आयुष मूलचंद नागेश्वर की मोटरसाइकिल से पेट्रोल आया और अपनी मोटरसाइकिल में पेट्रोल डालकर किरनापुर चला गया था।
शाम को खटिया में मृत पाई गई थी 90 वर्षीय सुभद्रा नागेश्वर
शाम को शाम 5:00 बजे करीब जब अनीता खरे काम करके घर लौटी।उस समय सुभद्रा बाई खटिया में लेटी हुई थी किंतु कुछ बोल नहीं रही थी ।जिसके मुंह और नाक में चोट के निशान थे और उसके गले से चांदी की हसली गायब थी। घटना की रिपोर्ट भाऊलाल नागेश्वर ने किरनापुर पुलिस थाना में की थी। किरनापुर पुलिस एवं फॉरेंसिक टीम ने तत्काल घटनास्थल पहुंचकर जांच पड़ताल की परिजनों से पूछताछ करने पर पता चला की मृतिका सुभद्रा बाई के गले से चांदी की हसली और उसके पास रखे 12 हजार रुपये गायब थे
पीएम रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ की सुभद्राबाई की मृत्यु दम घुटने से हुई। संपूर्ण जांच में अज्ञात आरोपी के विरुद्ध धारा 103(1) 309(6) भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत हत्या और लूट का अपराध दर्ज किया।
पोता ही निकला दादी का हत्यारा
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निरीक्षक अशोक नानाम ने अपने स्टाफ के साथ इस अंधे हत्याकांड की जांच पड़ताल शुरू की और इस हत्या के खुलासे हेतु परिजनों सहित अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही थी।इस दौरान मामले में संदिग्ध सुभद्रा बाई नागेश्वर के पोते मूलचंद नागेश्वर को अभिरक्षा में लेकर जब सघनता से पूछताछ की गई। तब उसने अपनी दादी सुभद्राबाई की हत्या कर12हजार रुपये एवं गले में पहनी चांदी हसिया उतार कर लूट करना स्वीकार किया।
सुभद्रा बाई के पास 12हजार रुपये देख चुका था मूलचंद
7 मार्च को जब आयुष खरे हैदराबाद से लौटा था और उसने 12 हजार रुपये अपनी दादी सुभद्राबाई को दिए थे। मूलचंद नागेश्वर ने रुपए देते हुए देख लिया था और उसमें लालच आ गया और मूलचंद नागेश्वर ने अपनी दादी सुभद्रा बाई की हत्या करने की योजना बनाई। शाम को सुभद्रा भाई खटिया में लेटी हुई थी। तभी मूलचंद नागेश्वर सुभद्रा बाई के पास थैली में रखें पैसे निकाल रहा था। तभी सुभद्रा बाई जाग गई और चिल्लाने लगी।तब मूलचंद ने अपनी दादी सुभद्राबाई का मुंह और नाक दबाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या करने के बाद मूलचंद नागेश्वर ने उसके थैले में रखे 12 हजार रुपये और गले में पहनी चांदी की हसली को उतार कर अपने घर की पाटन में छुपा दिया था। किरनापुर पुलिस ने मूलचंद की निशानदेही पर उसके घर से चांदी की हसली, 2 हजार रुपये जप्त किये। 10 हजार रुपये मूलचंद नागेश्वर खर्च कर चुका था। 24 मार्च को किरनापुर पुलिस ने मूलचंद नागेश्वर को बालाघाट की विद्वान अदालत में पेश कर दिए जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल भिजवा दिया गया है