अपने अड़ियल और तानाशाही पूर्ण रवैया के लिए जिले के भीतर प्रसिद्धि पा चुके जिला पंचायत के सीईओ विवेक कुमार का बुधवार को एक और अंदाज दिखाई दिया जब वे एक बार फिर अपने तानाशाही पूर्ण रवैया दिखाते हुए मीडिया को कवरेज करने से रोक दिया।
आपको बता दें कि जिला पंचायत के सीईओ विवेक कुमार बुधवार को जिला अस्पताल में मेडिसिन की जांच के लिए पहुंचे थे। तब मीडिया कर्मियों द्वारा उनके जांच को कवरेज किया जा रहा था। इस दौरान एक बार फिर जिला पंचायत के सीईओ ने तानाशाही पूर्ण रवैया अपनाते हुए अपने गार्ड से बोलकर मीडिया कर्मियों के मोबाइल और कैमरे छीन लिए और बनाए गए फुटेज को डिलीट करवा दिया।
मीडिया को समाचार कवरेज किए जाने से रोके जाने और फोटो डिलीट करवाए जाने को लेकर मीडिया कर्मियों द्वारा नाराजगी जताई गई।
मामले को बिगड़ता देख इस बार फिर जिला पंचायत सीईओ बैकफुट पर आए और बड़ी ही सफाई देते हुए कहा कि बताइए आपको मुझसे क्या बात करना है फुटेज मत बनाइए जो बात करना है मुझसे बात कर लीजिए। तब फिर मीडिया कर्मियों ने एक बार फिर नाराजगी दिखाई तो सीईओ ने थोड़ा नरमी बरतते हुए एक बार फिर बात करने लगे।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार ने बताया कि कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर में हमारे स्वास्थ्य अमले ने बहुत अच्छा काम किया। हमारे डॉक्टर, स्टोर कीपर, स्टाफ नर्सेज सभी ने अपनी जान पर खेलकर बहुत सारे लोगों की जान बचाई। यह भी देख रहे हैं तीसरी लहर भी अपनी पकड़ को थोड़ा सा मजबूत कर रहा है, उसी के तारतम्य में हमारी तैयारियां क्या है सामग्रियां क्या है उसी को लेकर हमारी टीम दवाई स्टॉक का आकलन करने पहुंची है।
आपको बता दें कि नवागत आईएएस अधिकारी विवेक कुमार बीते कुछ दिनों से अपने अड़ियल और तानाशाही पूर्ण रवैया के लिए अपने स्टाफ के बीच में विरोध का सामना कर रहे हैं। ग्रामीण एवम पंचायत विकास विभाग के कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है स्थानांतरण की तक मांग की जा रही है यही नहीं जिले के माननीय से तक उन से बचाने की गुहार लगाई गई है बावजूद इसके पूरा प्रशासन खामोश बैठा है। जिले के जिम्मेदारों ने अपनी आंख पर पट्टी बांध ली है। नतीजा जिला पंचायत के सीईओ अब मीडिया कर्मियों से भी बदसलूकी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।