देश ने मिसाइल तकनीक के मामले में एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। आज (गुरुवार) ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के नए संस्करण का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल परीक्षण बालासोर में ओडिशा के तट से हुआ। सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल नई टेक्नोलॉजी से लैस है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल उड़ान परीक्षण के लिए ब्रह्मोस और डीआरडीओ टीमों को बधाई दी। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने हथियार प्रणालियों की दक्षता को अधिकतम करने के लिए वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की सराहना की।
11 जनवरी को विशाखापत्तनम में सफल परीक्षण हुआ
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को एंटी शिप और लैंड अटैक के दो वेरिएंट के साथ डिजाइन किया गया है। डीआरडीओ के अनुसार ब्रह्मोस हथियार प्रणाली को शामिल किया गया। यह भारतीय नौसैना और आर्मी में भी काम कर रही है। इससे पहले 11 जनवरी को नेवी ने आईएनएस विशाखापत्तनम युद्धपोत से मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। डीआरडीओ ने बताया था कि मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया
सुपसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की खूबियां
जानकारी के अनुसार ब्रह्मोस मिसाइल की टारगेट क्षमता पहले 290 किमी थी। अब यह मिसाइल 400 किमी तक लक्ष्य भेद करने में सक्षम है। सुपसोनिक क्रूज मिसाइल को भारत और रूस ने मिलकर विकसित किया है। इसकी लंबाई 8.4 मीटर और मोटाई 0.6 मीटर है। यह 2.5 टन तक परमाणु अणु और युद्धास्त्र ले जाने में सक्षम है। मिसाइल 2.5 मेक ध्वनि की गति से करीब तीन गुना की गति से उड़ान भरने में सक्षम है।
पहले से कई मिसाइलों को किया तैनात
भारत पहले से कई स्थानों पर ब्रह्मोस और अन्य मिसाइलों को तैनात कर चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आने वाले अगले सप्ताह में कई अत्याधुनिक मिसाइलों का परीक्षण होता। यह परीक्षण चांदीपुर या अब्दुल कलाम द्वीप पर हो सकता है।