सुहागिन महिलाओं में किया करवाचौथ का व्रत

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नगर सहित ग्रामीण क्षेत्र में 1 नवंबर को अखंड सौभाग्यवती होने का महापर्व करवा चौथ सुहागिन माता बहनों के द्वारा हर्षोल्लाह के साथ मनाया गया। इस दौरान महिलाओं के द्वारा घरों और मंदिरों में सामूहिक रूप से करवा माता भगवान गणेश की पूजा अर्चना कर हर्षोल्लास के साथ करवा चौथ पर्व मनाया गया। जिसमें करवा चौथ की कथा का वाचन करने के उपरांत चांद के दीदार कर पति के हाथों जल ग्रहण का व्रत का समापन किया गया। इस दौरान महिलाओं के द्वारा पूरे दिन निर्जला व्रत अपने अखंड सौभाग्यवती होने की कामना से किया गया।

रामदेव बाबा मंदिर में हुआ सामूहिक पूजन

नगर के वार्ड नं.6 लालबर्रा रोड़ स्थित रामदेव बाबा मंदिर में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सामूहिक करवाचौथ कार्यक्रम का आयोजन धार्मिक मान्यता अनुरूप किया गया। जिसमें सुहागिन महिलाओं ने बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज करवाकर अपने अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुये करवा देवी की पूजा अर्चना की गयी। जिसमें सर्वप्रथम पूजा की सामग्री सॅजाकर करवा देवी एवं भगवान गणेश की कथा का पाठ कर करवा चौथ गीत गाकर पूजा की थाली को एक दूसरे के हाथ में देते हुये परिक्रमा करवाई गई और अपने अपने पति की उम्र को लेकर दीघार्यु होने की कामना की गई। विदित हो की करवाचौथ के दिन अलसुबह बहुओं को सगरी सॉस के दौरान प्रदान कि गई। साथ ही कुछ सुहाग साम्रगी भी दी गई। सभी सुहागिन महिलाऐं ने निर्जला व्रत धारण किया। फिर देर शाम पति के हाथ से पानी पीकर व्रत को समाप्त किया। इस दौरान व्रत को लेकर महिलाओं में काफी उत्साह देखा गया। जिन्होने सोलह श्रृंगार कर पूरी पूजा विधि विधान से की।

हनुमान मंदिर में महिलाओं की पूजा

नगर के हनुमान लला मनोकामना पूर्ति मंदिर में सुहागिन महिलाओं के द्वारा सामूहिक रूप से करवा माता भगवान गणेश की पूजा अर्चना की गई। जहां पर महिलाओं के द्वारा सोलह श्रृंगार कर पूजा सामग्री के साथ पहुंच कर पंडित लक्ष्मीकांत मिश्रा के द्वारा करवा चौथ की वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना करवाई गई। जहां पर विधि विधान से करवा चौथ की पूजा संपन्न होने के बाद महिला अपनी पूजा खाली लेकर वापस घर के लिए रवाना हुई इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद रही।

चांद के दीदार के बाद तोड़ा व्रत

गौरतलब है कि करवाचौथ अपने पति की दीघार्यु के लिये रखे जाने वाला कठिन व्रत है। जो कार्तिक महिने के कृष्ण पक्ष में चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी तिथी को सुहागिन महिलाऐं करवा चौथ का व्रत करती है। इस दिन निर्जला व्रत धारण कर पति की लंबी उम्र और सदा सौभाग्य की कामना कर आस्था और विश्वास के साथ सुहागिन महिलाओं ने व्रत धारण कर रात्री में चांद देखकर पति का दीदार किया। जिसके बाद पति ने अपनी व्रतधारी पत्नी को पानी व मीठा खिलाकर व्रत स्थगित करवाया।

करवा देवी ने बचाई थी अपने पति की जान

गौरतलब है कि करवा देवी अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास रहती थी। एक दिन देवी करवा के पति स्नान करने इसी नदी के तट पर गये तो एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और नदी के पानी में खींचने लगा। उन्होने करवा देवी को आवाज दी जिसके बाद करवा देवी नदी के तट पर पहुॅची और अपने पति की जान बचाई।

हनुमान मंदिर में 5 वर्षो से मनाया जा रहा सकमुहिक करवाचौथ – श्रीमती वर्षा सोनी

पद्मेश से चर्चा करतेे हुये श्रीमती वर्षा सोनी ने बताया कि करवा चौथ का व्रत सामूहिक रूप से 5 वर्षो से भी हनुमान मंदिर में मनाया जा रहा है। जिसमें नगर की अनेकों सुहागिन महिलाऐं उपस्थित होकर पूजन अर्चना करती है। उनके द्वारा पूजा में भाग लेकर पति की दीर्घायु के लिये पूजा अर्चना की जाती है। श्रीमती सोनी ने बताया कि यह व्रत पति की दीघार्यु के लिये किया जाता है। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सामूहिक व्रत का आयोजन किया गया है।

भगवान शिव के लिये माता पार्वती ने कर था व्रत – श्रीमती मंजू खोसला

श्रीमती मंजू खोसला ने पद्मेश को बताया कि यह व्रत पति की दीघार्यु के लिये किया जाता है। प्रात:काल से ही महिलाऐं उठकर व्रत धारणा करती है जिसके बाद सोलह श्रृंगार कर पूरे दिन बगैर पानी के रहती है। इस दौरान महिलाऐं किसी भी प्रकार से कोई चीज नही खाती है। भगवान शिव के लिये भी माता पार्वती ने यह व्रत किया था। जिसके बाद से सदियों से सुहागिन महिलाऐं इस व्रत को धारण कर रही है। श्रीमती खोसला ने बताया कि इस वर्ष भी सभी महिलाऐं व्रत धारण कर बाबा रामदेव मंदिर में पूजा करने आयी है जो रात्री में चांद निकलने के बाद छलनी से अपने पति का दीदार करेंगी व इस व्रत को तोड़ेंगी। यह व्रत रामदेव बाबा मंदिर में बीते 22 वर्षो से आयोजित करवाया जा रहा है।

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