सेवा सहकारी समितियां मुनादी करवाकर किसानों से ऋण जमा करने की कर रही अपील

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जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से जुड़ी सेवा सहकारी समितियों का किसानों पर करोड़ों रुपये का कर्ज बकाया है/ जिसकी वसूली के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बालाघाट के द्वारा जिले भर की समितियों को एक लक्ष्य निर्धारित कर किसानों से ऋण वसूली के आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं और समितियों के द्वारा गांव गांव में गाड़ी घुमाकर मुनादी करवाकर किसानों से ऋण की बकाया राशि जमा करने की अपील की जा रही है। इसी तरह जिला सहकारी केंद्रीय बैंक लालबर्रा के अंतर्गत आने वाली ९ सेवा सहकारी समितियों के अंतर्गत आने वाले किसानों से करोड़ो रूपये की राशि वसूली करना हैँ उक्त राशि 15 जून तक वसूली करने का लक्ष्य दिया गया हैँ / जिसमें वृहत्ताकार सेवा सहकारी समिति लालबर्रा ६० लाख रूपये, सेवा सहकारी समिति घोटी ५० लाख रूपये, सेवा सहकारी समिति मिरेगांव ६० लाख रूपये, सेवा सहकारी समिति साल्हे ला. ४० लाख रूपये, सेवा सहकारी समिति मोहगांव ध. १ करोड़ रूपये, सेवा सहकारी समिति नेवरगांव ला. ६० लाख रूपये, सेवा सहकारी समिति जाम ६० लाख रूपये, सेवा सहकारी समिति सिहोरा ६० लाख रूपये व सेवा सहकारी समिति कंजई को ६० लाख रूपये की वसूली १५ जून से पहले करने का लक्ष्य दिया गया है /इस तरह से ९ समितियों को लगभग साढ़े पांच करोड़ रूपये के राजस्व की वसूली किसानों से करना है।

किसानों ने भाजपा सरकार से मूलधन माफ़ करने की मांग की

आपको बता दें कि किसानों को सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से खेती के अनुसार ऋण प्रदान किया जाता है जिसे किसान अपनी कृषि कार्याें में उपयोग करता है और इस ऋण के माध्यम से ही वह फसलों के लिये खाद, बीज सहित अन्य चीजें समितियों से लेता है जिसे किसानों को एक निश्चित समयावधि में समितियों को वापस करना होता है/ यदि किसान ऋण देरी से अदा करता है तो उस पर निर्धारित ब्याज लगाकर वसूली की जाती है। कांग्रेस की सरकार के द्वारा चलाई गई कर्जमाफी योजना के बाद से किसानों ने अपना ऋण जमा करना बंद कर दिया था उन्हें उम्मीद थी कि आने वाले दिनों में उनका पूरा कर्ज माफ हो जायेगा/ लेकिन कुछ वर्षो के बाद ही कांग्रेस की सरकार गिर गई उसके बाद पुनः प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी परंतु भाजपा की सरकार के द्वारा कर्ज माफी के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किए गए जिससे किसान कर्जदार बनते चले गये। फिर भाजपा सरकार के द्वारा चुनावी साल में ऋण ब्याज माफी योजना चालू कर किसानों के ऋण का ब्याज माफ कर दिया गया सरकार को उम्मीद थी की ऋण माफी के बाद किसान अपना मूलधन जमा कर समिति से कर्ज खत्म कर देगा /लेकिन फिर भी किसान अपने ऋण की बकाया राशि समिति में जमा नही कर रहा है और सरकार से कर्जमाफी की उम्मीद लगाये बैठा है। यही हाल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के शाखा लालबर्रा के अंतर्गत आने वाली ९ समितियों का है / जहां पर समितियों के द्वारा अब तक किसानों से ४६ करोड़ ४१ लाख ७ हजार रूपये के ऋण में से १३ करोड़ ६ लाख ११ हजार रूपये की वसूली कर ली गई है और १३ करोड़ ३४ लाख ९६ हजार रूपये शेष वसूली होना है जो कि समितियों को १५ जून के पहले पूर्ण करनी है/ यदि १५ जून के पहले किसानों से पहले किसानों के द्वारा ऋण नहीं चुकाया जाता है तो ऐसे किसानों का प्रकरण तैयार कर राजस्व विभाग को सौंपा जायेगा और फिर राजस्व विभाग के द्वारा किसानों से वसूली की जायेगी।

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