डेंगू पीड़ित नगर परिषद में सहायक वर्ग-तीन के पद पर कार्यरत सुरेश भूरिया पुत्र धूलसिंह का गुरुवार सुबह रतलाम के निजी चिकित्सालय में निधन हो गया। वे आलीराजपुर जिले के भाभरा के समीप पारा गांव के निवासी थे।
जानकारी के मुताबिक आठ-दस दिन पहले वह अपने गृह ग्राम पारा गए थे। वहां पर तबीयत खराब होने पर किसी परिचित डाक्टर से इलाज करवाया और ठीक हो गए। जन्माष्टमी पर अपने माता–पिता के पास होशंगाबाद के पिपरिया भी गए थे और उनसे मिलकर वापस सैलाना आ गए थे। यहां आफिस आकर काम भी करने लगे थे कि अचानक मंगलवार शाम को फिर से तबीयत एक दम खराब होने लगी तो वह स्वयं रतलाम के निजी चिकित्सालय में जाकर भर्ती हो गए।
इधर, भर्ती की जानकारी मिलने पर रात को सीएमओ जेपी गुहा ने अधीनस्थ कर्मचारी धीरज को रतलाम भेजा। धीरज रात में भूरिया के साथ ही रुके। गुरुवार रात को तीन यूनिट रक्त भी चढ़ाया गया, लेकिन स्थिति बिगड़ती चली गई। रात में सुरेश भूरिया की तबीयत ज्यादा खराब होने पर साथी कर्मचारी धीरज ने सीएमओ को दूरभाष पर सूचना दी।
मुख्य नगर परिषद अधिकारी ने तुरंत परिषद के कर्मचारी सुरेंद्रसिंह चौहान, अभिमन्यु ग्वाले, शैलेंद्रसिंह राठौर तथा संदीप चारण को अस्पताल भेजकर अच्छा इलाज करवाने के निर्देश दिए। रात में ही कर्मचारी के पहुंचने पर इलाज भी प्रारंभ हो चुका था, लेकिन गुरुवार सुबह 10:30 बजे सुरेश ने अस्पताल में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि भूरिया की प्लेटलेट काफी कम हो गई थी और ब्लडिंग भी ज्यादा हो गई थी।
लाकडाउन में हुई थी शादी
सुरेश भूरिया की लाकडाउन में करीब तीन माह पहले ही शादी हुई थी। सुरेश के पिता धूलसिंह भूरिया होशंगाबाद जिले की पिपरिया कोर्ट में है। खबर मिलते वह भी वहां से सपरिवार आलीराजपुर की ओर निकल गए। पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था। सुरेश की मौत की खबर नगर में फैलते ही चारों तरफ शोक की लहर छा गई। इधर, नगर परिषद कार्यालय में सन्नाटा पसर गया।
इनका कहना है
नगर परिषद के कर्मचारी सुरेश भूरिया की तबीयत खराब होने पर परिषद के कर्मचारियों को भी वहां समुचित इलाज करवाने के लिए भेजा था। प्लेटरेट काफी कम हो गए थे। प्रारंभिक तौर पर डेंगू से मौत होने की जानकारी सामने आ रही है।
– जेपी गुहा, सीएमओ, नगर परिषद सैलाना