सोनेवानी अभ्यारण्य बनाने की चर्चा पर अब विराम लगे, वरना बालाघाट में आंदोलन होगाः गौरी भाऊ

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सोनेवानी क्षेत्र को अभ्यारण्य बनाने के खिलाफ इन दिनों विधायक गौरीशंकर बिसेन मुखर हैं। अपने सार्वजनिक, पार्टी कार्यक्रमों सहित बैठकों में भी श्री बिसेन अभ्यारण्य न बनने के प्रयास में जुटे हैं। यही वजह है कि अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन लगातार मीडिया से रूबरू होकर सोनेवानी अभ्यारण्य बनाने के प्रस्ताव को गलत, अव्यवहारिक और अनावश्यक बता रहे हैं। शनिवार को सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता में विधायक श्री बिसेन ने कहा कि अब सोनेवानी अभ्यारण्य बनाने की चर्चा को विराम देना चाहिए। क्योंकि ये तर्कपूर्ण नहीं है। मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी आग्रह करता हूं कि अगर किसी जनप्रतिनिधि ने सोनेवानी को लेकर कोई प्रस्ताव दिया है, तो उसे तुरंत विलोपित किया जाए। अगर सोनेवानी अभ्यारण्य को लेकर ठोस पहल नहीं की जाती तो जिले में इसे लेकर बड़ा आंदोलन होगा, जिसका नेतृत्व खुद गौरीशंकर बिसेन करेगा। श्री बिसेन ने वार्ता में सुप्रीम कोर्ट एक जजमेंट का उल्लेख करते हुए कहा कि अगर यहां अभ्यारण्य बनता है तो 10 किमी का क्षेत्र शून्य हो जाएगा, जहां कई गांव और ग्रामीण निवास कर रहे हैं, जिन्हें वहां हटाना पड़ेगा। इसलिए हमें ऐसा कॉरिडोर या अभ्यारण्य नहीं चाहिए।
अपने मनोरंजन के लिए जुटे हैं लोग
मीडिया से बातचीत में श्री बिसेन ने आगे कहा कि ये सच है कि घने जंगलों में वन्यप्राणियों की संख्या बढ़ रही है। हाल ही के दिनों में ग्रामीणों और उनके मवेशियों पर वन्यप्राणी बाघ के हमले की खबर भी आई है, लेकिन कुछ लोग अपने मनोरंजन के लिए इस क्षेत्र को अभ्यारण्य बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में मुझसे भी अप्रोच किया था, लेकिन मामला संवेदनशील है। क्योंकि चिखलाबड्डी, सिलेझरी, सोनेवानी, नवेगांव सहित कुछ वनग्राम हैं। बालाघाट विधानसभा के तहत रमरमा, नांदगांव, बोटेझरी, नैतरा, खुरसोड़ी, टेकाड़ी, बघोली जैसे दर्जनों गांव आते हैं। लालबर्रा और नवेगांव के 8 किमी सेंटर पॉइंट में भी अमोली, बिठली, रानीकुठोर, धारावासी जैसे कई गांव आते हैं, जिन्हें विस्थापित करना पड़ेगा। इस क्षेत्र में कई एकड़ खेत हैं। दरअसल, सोनेवानी क्षेत्र को अभ्यारण्य बनाने के लिए न उचित क्षेत्रफल है और न ही यहां अभ्यारण्य बनाने की कोई आवश्यकता है।
मैं किसी जनप्रतिनिधि पर उंगली न उठा रहा
विधायक श्री बिसेन ने कहा कि सोनेवानी को अभ्यारण्य बनाने के लिए कुछ जनप्रतिनिधि जुटे हैं। मैं किसी जनप्रतिनिधि पर उंगली नहीं उठा रहा। मेरा सिर्फ इतना कहना है कि सोनेवाने कोर एरिरया में अभ्यारण्य बनने से कई दर्जन गांवों को विस्थापित करना पड़ेगा। अभ्यारण्य के लिए इतना एरिया नहीं है। क्योंकि यह बसाहट का क्षेत्र है। अगर इस क्षेत्र में वन्यप्राणी बाघ की मूवमेंट बढ़ रही है तो बाघों को पशु चिकित्सकों की विशेष निगरानी में बेहोश कर उन्हें कान्हा नेशनल पार्क, पेंच, बांधवगढ़ भेज सकते हैं।
रिसॉर्ट बनाकर ऐश करना चाहते हैं
श्री बिसेन ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि कुछ लोग सोनेवानी क्षेत्र को अभ्यारण्य बनाने के लिए इसे जुटे हैं ताकि वे वहां रिसोर्ट बना सकें और ऐश कर सकें, लेकिन मैं इस क्षेत्र का सर्वनाश नहीं होने दूंगा। श्री बिसेन ने कहा कि अगर मैंने कभी जाने-अनजाने में सोनेवानी को अभ्यारण्य बनाने के लिए हां कहा होगा, तो मैंने उसे वापस लेता हूं।
अंर्तआत्मा के सुख के लिए होगा भव्य स्वास्थ्य शिविर
लालबर्रा में 14 और 15 दिसंबर को बड़े स्तर पर होने वाले निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार शिविर के बारे में जानकारी देते हुए विधायक श्री बिसेन ने कहा कि इंसान तन और मन का सुख तो पा लेता है, लेकिन अंर्तआत्मा सुख के लिए भटकता है। अंर्तआत्मा का सुख दूसरों की मदद करने से प्राप्त होता है। इसलिए लालबर्रा में देश के प्रतिष्ठित अस्पताल चिरायु अस्पताल के सहयोग से विशाल स्वास्थ्य कैंप का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए भाजपा जिला महामंत्री मौसम हरिनखेड़े की टीम और मेरी टीम जुटी हुई है। शिविर को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है। यदि हमने किसी व्यक्ति की जान बचाने में उपस्थिति भी दर्ज कराई तो इससे अंर्तआत्मा का सुख मिलता है। इस सुख में सभी लोग शामिल हों।

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