लालबर्रा (पद्मेश न्यूज)। दक्षिण सामान्य वन मंडल बालाघाट के अंतर्गत आने वाले लालबर्रा वन परिक्षेत्र के सोनेवानी वन्यजीव अनुभव भ्रमण क्षेत्र को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गत दिवस राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की २९ वीं बैठक में सोनेवानी को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित कर दिया गया है। जिसके बाद से रोजाना बड़ी संख्या में पर्यटक सोनेवानी वन्यजीव अनुभव भ्रमण क्षेत्र में पहुंचकर जिप्सी में सवार होकर वन्यप्राणियों के दीदार कर रहे है। आपकों बता दें कि राष्ट्रीय उद्यान व अभ्यारणों की तरह ही दक्षिण सामान्य वन मंडल बालाघाट के अंतर्गत आने वाले लालबर्रा वन परिक्षेत्र के सोनेवानी वन्यजीव अनुभव भ्रमण क्षेत्र में भी राष्ट्रीय पशु बाघ सहित अन्य जंगली जानवारों का भ्रमण व रहवास बड़े स्तर पर होता है और अब धीरे धीरे इनकी संख्या भी बढ़ते जा रही है। जिसको ध्यान में रखते हुए वनविभाग के द्वारा सरकार को एक प्रपोजल के माध्यम से सोनेवानी में होने वाले वन्यप्राणियों के मुवमेंट व उनका पंसदीदा स्थल होने की जानकारी दी गई थी एवं विगत कई वर्षाे से इस अभ्यारण बनाये जाने की भी मांग की जा रही थी परंतु कुछ राजनैतिक कारणों के चलते यह अभ्यारण नहीं बन पाया था। वहीं वर्तमान में प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार के द्वारा गत दिवस राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की २९ वीं बैठक में बैतूल के ताप्ती सहित सोनेवानी को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित कर दिया गया है। जिसके बाद से बालाघाट की पहचान में चार चंद लग गये है। इस कंजर्वेशन क्षेत्र में भ्रमण करने जिले सहित अन्य पड़ोसी राज्यों के पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंच रहे है। सोनेवानी वन्यजीव अनुभव भ्रमण क्षेत्र में वन्यप्राणी बहुतायत संख्या में पाये जाते है। जिनमें विशेष रूप से राष्ट्रीय पशु बाघ, राष्ट्रीय पक्षी मोर, जंगली भैंस, तेंदुआ, भालू, सोनकुत्ता, हिरण, सांभर, चीतल सहित अन्य वन्यजीव व पक्षियों के दीदार पर्यटकों को होते है। जिसमें सबसे अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने वाला वन्यप्राणी बाघ है, जो विगत कई दिनों से पर्यटकों को दिखाई दे रहा है। जिसे देखने के लिए सुबह से ही पर्यटकों की भीड़ सोनेवानी पहुंच रही है और पर्यटक अपने पूरे परिवार के साथ इस क्षेत्र में आकर प्राकृ तिक सौंदर्य, टेकाड़ी जलाशय की सुंदरता का लुत्फ उठाकर खुशी से लौटते है।
भविष्य का टाइगर रिजर्व हो सकता है सोनेवानी
मध्यप्रदेश शासन के द्वारा दक्षिण सामान्य वन्य मंडल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सोनेवानी में राष्ट्रीय पशु बाघ सहित अन्य जंगली जानवरों की बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुये कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया है क्योंकि सोनेवानी वन्य क्षेत्र का वातावरण जंगली जानवरों को खुब भा रहा है। यहीं वजह है कि विगत कुछ वर्षाें से इस क्षेत्र में बाघ सहित विभिन्न जंगली जानवारों की जनसंख्या तेजी से बढ़ी है और जंगली जानवर इस क्षेत्र में रहना, विचरण करना पसंद कर रहे है। यह क्षेत्र जंगली जानवरों का पंसदीदा क्षेत्र बन चुका है एवं जिस तरह से जंगली जानवरों व राष्ट्रीय पशु बाघ की जनसंख्या में तेजी से वृध्दि हो रही है। उसके अनुसार सोनेवानी को भविष्य में टाइगर रिजर्व क्षेत्र की दृष्टि से भी देखा जा रहा है।
राष्ट्रीय पार्क व अभ्यरणों की अपेक्षा कम खर्च में होते है वन्यप्राणियों के दीदार
दक्षिण सामान्य वन मंंडल लालबर्रा का सोनेवानी वन्यप्राणी अनुभव क्षेत्र पर्यटकों की पहली पसंद बन रहा है क्योंकि इस अनुभव क्षेत्र में पर्यटकों को राष्ट्रीय उद्यानों व अभ्यरणों जैसा रोमांच एवं वन्यप्राणियों के दुर्लभ दर्शन बहुत ही कम खर्च में रहे है। इसलिये यह पर्यटक स्थल बहुत ही कम समय में पर्यटकों का सबसे पंसदीदा पर्यटक स्थल बन चुका है। राष्ट्रीय उद्यानों व अभ्यरणों में भ्रमण करने व वन्यप्राणियों क ी अनुभूति व दीदार के लिये बड़ी राशि खर्च करनी पड़ती है। वहीं इस वन अनुभव क्षेत्र में पर्यटकों को बहुत ही कम खर्च में राष्ट्रीय उद्यानों व अभ्यरणों की तरह ही प्राकृतिक सौंदर्य की अनुभूति व वन्यप्राणियों के दीदार हो जाते है और इसकी बढ़ती लोकप्रियता के चलते इसे अभ्यारण बनाने का प्रस्ताव भी भेजा जा चुका था। लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते यह अभ्यारण नहीं बन पाया।
कंजर्वेशन की स्वीकृति से बढ़ेगा पर्यटन
प्रदेश सरकार के द्वारा सोनेवानी वन्यप्राणी अनुभव क्षेत्र को कंजर्वेशन रिजर्व घोषित कर दिया गया है, जिसके पश्चात् अब इसके लिये नई गाइड लाइन व कार्ययोजना तैयार की जायेगी। जिससे अधिक से अधिक पर्यटक भ्रमण के लिये पहुंच सके और सोनेवानी में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके इस ओर भी वनविभाग काम कर रहा है। वहीं यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि कंजर्वेशन रिजर्व की स्वीकृति के बाद यह क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी एक अलग पहचान बनायेगा। जिससे इस क्षेत्र में तेजी से पर्यटन बढऩे के आसार नजर आ रहे है।