भोपाल में नर्सरी में पढ़ने वाली साढ़े तीन साल की मासूम से स्कूल बस में रेप करने के दोषी बस ड्राइवर हनुमत जाटव को कोर्ट ने आज मरते दम तक आजीवन कारावास सुनाया। उसकी मदद करने वाली केयर टेकर उर्मिला साहू को 20 साल कैद की सजा सुनाई। दोनों पर 32-32 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
फैसला भोपाल जिला कोर्ट की विशेष न्यायाधीश शैलजा गुप्ता (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) ने सुनाया। शनिवार को ही कोर्ट ने मुख्य आरोपी हनुमत जाटव को धारा 376 (एबी), 376 (2) और पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार दिया था। केयर टेकर उर्मिला साहू को धारा 109 और 16/17 में दोषी पाया था। तीन महीने में ही इस केस में फैसला आ गया।
विशेष लोक अभियोजक (सरकारी वकील) मनीषा पटेल ने बताया, पीड़िताएं दो बच्चियां हैं, इसलिए हनुमत पर 16-16 हजार और उर्मिला को 16-16 हजार रुपए अर्थदंड लगाया गया है। सजा सुनाते हुए कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि बच्चियां बहुत मासूम हैं, इसलिए उनके साथ हुए गलत काम को समझ नहीं पा रही थीं कि क्या अच्छा है और क्या बुरा है। उन्होंने अपने शब्दों में, अपने संकेतों में बताया कि अंकल-आंटी प्यार करते थे, लेकिन उन्हें अपराध की गंभीरता का नहीं पता था। इन्हीं बातों को देखते हुए कोर्ट ने सजा दी।
सरकारी वकील मनीषा के मुताबिक, सजा सुनने के पहले दोनों दोषी कोर्ट में मौन थे। रो रहे थे। सजा सुनने के बाद बोले कि हमें झूठा फंसाया गया है। हमारे मासूम बच्चे हैं, हमें छोड़ दीजिए।
पहले मामला जान लेते हैं…
घटना 3 महीने पुरानी है। बच्ची भोपाल के नीलबड़ इलाके के प्राइवेट स्कूल में पढ़ती है। स्कूल बस के ड्राइवर ने बस में ही बच्ची के साथ रेप किया था। 8 सितंबर को जब बच्ची घर लौटी, तो उसके कपड़े बदले हुए थे। ये देख मां हैरान हुई। बाद में उन्हें बच्ची के प्राइवेट पार्ट्स पर खरोंच के निशान भी नजर आए। शक हुआ तो बच्ची से पूछा कि आपको कोई बैड टच करता है। इस पर बच्ची ने बताया था कि बस के ड्राइवर अंकल बुरे हैं, वे बैड टच करते हैं।
इसके बाद बच्ची के पेरेंट्स ने स्कूल मैनेजमेंट से संपर्क किया। बाद में घटना की शिकायत पुलिस कमिश्नर से की। महिला थाना पुलिस ने बस ड्राइवर पर केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। जांच के लिए एसआईटी बनाई गई थी। एसआईटी ने घटना के 20 दिन के अंदर 242 पेज का चालान कोर्ट में पेश किया। तीन महीने के अंदर 32 लोगों की गवाही हुई।
घटना 8 सितंबर की है। मां ने जब स्कूल से आई बच्ची के कपड़े बदले हुए देखे तो हैरान हुई। बेटी से पूछा कि क्या आपको कोई बैड टच करता है। इस पर बच्ची ने बताया कि बस वाले अंकल बैड हैं। इसके बाद ही पेरेंट्स ने स्कूल मैनेजमेंट, फिर पुलिस में शिकायत की।
शनिवार को भी कोर्ट में फफक पड़ी थी उर्मिला
मामले की सह दोषी उर्मिला साहू को पुलिस फैसले से पहले शनिवार को कोर्ट में पेश करने के लिए पहुंची थी। कोर्ट रूम के बाहर रिश्तेदारों को देखकर वह फफक पड़ी। वह कुछ बोलती, इससे पहले ही पुलिस उसे सीधे कोर्ट के अंदर लेकर चली गई, जबकि हनुमत बेखौफ दिखा। उसके चेहरे पर कोई पछतावा या टेंशन नहीं थी। उसके परिवार का कोई सदस्य कोर्ट में नहीं था।