स्वयं की भूमि पर शासकीय मद से दो तालाब बना रहा रोजगार सहायक?

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जनपद पंचायत किरनापुर के अंतर्गत आने वाले ग्राम पाथरी में शासकीय राशि का दुरुपयोग कर लाखों रुपए के गबन किए जाने का एक मामला सामने आया है। जिसमें गांव के उप सरपंच, पंचपति सहित अन्य ग्रामीणों ने गांव के रोजगार सहायक महेश कोसरकार पर स्वयं की भूमि में सरकारी मद से दो तालाब का निर्माण करने, जेसीबी मशीन से रातों-रात काम कराकर फर्जी मस्टोल भर 3,लाख 46 हजार रु की शासकीय राशि का आहरण किए जाने का आरोप लगाया है। वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियो से हजार रु से लेकर 10 हजार रु वसूलकर हितग्राहियों को योजना का लाभ देने, मजदूरों के घर जाकर मशीन में अंगूठा लगाकर शासकीय राशि आहरण करने का आरोप लगाया है। जिन्होंने पंचायत में एक वर्ष के भीतर हुए सभी निर्माण कार्यों की निष्पक्ष जांच कर, रोजगार सहायक को पद से पृथक कर दण्डात्मक कार्यवाही किए जाने की मांग की है।

शासकीय मद से स्वयं की जमीन पर बनवा रहा तालाब
ग्राम पंचायत पाथरी के रोजगार सचिव महेश कोसरकर पर आरोप है कि गांव में तीन मीनाक्षी तालाब स्वीकृत किए गए थे। जहां रोजगार सहायक ने सुखराम और रूपलाल नगपुरे नामक दो ग्रामीण से पहले तो उनकी कृषि भूमि खरीदने के लिए उसका सौदा कर लिया और बाद में उसी कृषि भूमि पर रजिस्ट्री के पूर्व शासकीय मद से दो तालाबों की प्रशासनिक स्वीकृति करा ली। जब तालाब को स्वीकृति मिल गई तो जेसीबी से वहां रातों-रात तालाब का निर्माण कराकर दिखाने के तौर पर कुछ मजदूर लगाए गए और मजदूरों की मस्टोल में अधिक मजदूरों की फर्जी हाजरी भरकर शासकीय राशि आहरण कर लिया। बाद में उसी सौदे के मुताबिक उक्त दोनों किसानों की जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम कर ली। इस तरह रोजगार सहायक ने शासकीय राशि का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार किया है जिस पर कार्यवाही की मांग ग्रामीणों द्वारा ज्ञापन सौपकर की गई है।

पीएम आवास योजना में भी किया गया भ्रष्टाचार
ग्रामीणों का आरोप है कि रोजगार सहायक महेश कोसरकर ने गांव के कई हितग्राही ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने के नाम पर हजार रु से लेकर 10 हज़ार रु तक वसूल किए हैं ।वही निर्माण कार्यों में फर्जी मस्टोल भरकर मजदूरों के घर जाकर मशीन से अंगूठा लगवा कर शासकीय राशि का गबन किया है। जिस पर ग्रामीणों द्वारा पंचायत में एक वर्ष के भीतर किए गए सभी निर्माण कार्यों की निष्पक्ष जांच कर कर दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है ।

शिकायत पर भी नही हो रही सुनवाई- कमलेश
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान ग्राम पंचायत पाथरी वार्ड नंबर 17 पंच पति कमलेश ठकरेले ने बताया कि रोजगार सहायक महेश कोसरकर सरकारी कर्मचारी है जो सरकारी मद से खुद की भूमि पर जेसीबी लगाकर मीनाक्षी तालाब खुदवा रहा है ।वहीं मस्टोल में फर्जी हाजरी भरकर उसने शासकीय राशि आहरण की है ।करीब 3 लाख 46000 रु का गबन किया गया है ।उन्होंने बताया कि मामले का विरोध करने पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वही 22 नवंबर से उन्होंने कलेक्टर कार्यालय,जिला पंचायत, जनपद पंचायत सहित अन्य शासकीय कार्यालय में ग्रामीणों के साथ मिलकर ज्ञापन दिया है जिस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है हमारी मांग है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी पर दंडात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए ।

मामले की जांच कर कार्यवाही करनी चाहिए-संतोष
वही इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान ग्राम पंचायत पाथरी उप सरपंच संतोष कुथे ने बताया कि इस मामले की उन्हें पहले कोई जानकारी नहीं थी बाद में इसकी जानकारी उन्हें लगी है ।जेसीबी से तीन तालाब बनवाए गए हैं जिसमें से दो तालाब बनवाकर उस भूमि को रोजगार सहायक ने स्वयं को खरीद लिया और जिनकी रजिस्ट्र बाद में कराई गई है। उन्होंने बताया कि रोजगार सहायक ने जेसीबी से रातों-रात तालाब को खुदवाया है और दिखावे के लिए 30-35 मजदूर लगाकर मस्टोल में अधिक मजदूरों की हाजिरी भरकर शासकीय राशि का गबन किया है। रोजगार सहायक मशीन लेकर मजदूरों के घर-घर जाता है और उनसे अंगूठा लगाकर शासकीय राशि का आहरण कर लेता है हमने कई बार इसकी शिकायत की है लेकिन इस मामले में किसी प्रकार की जांच पड़ताल नहीं की गई है।

सभी आरोप झूठे व बे बुनियाद है- महेश
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान ग्राम पंचायत पाथरी रोजगार सहायक महेश कोसरकर ने बताया कि जिन दो हितग्राहियों से उन्होंने जमीन खरीदी है उन्हीं की जमीन पर दो तालाबों के निर्माण की स्वीकृति हुई थी नियम के मुताबिक ही दो ग्रामीणों के नाम से तालाब स्वीकृत किए गए हैं जहां जेसीबी का उपयोग नहीं किया गया। बल्कि मजदूरों से काम कराया गया है बाद में उन किसानों ने वह जमीन उन्हें बेच दी ।जिसके चलते उन पर यहां आरोप लगाए जा रहे हैं। लगातार काम पूरा करने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से दबाव आ रहा था जिसके चलते प्राथमिकता के तौर पर काम कराए गए हैं वही किसी भी हितग्राही से प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर पैसा नहीं लिया गया है और ना ही किसी निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार किया गया है जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वह झूठे व बे बुनियाद है ।अधिकारियों को भी इस पूरे मामले की सूचना उनके द्वारा दी गई है ।

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