राजधानी भोपाल में प्रस्तावित हज नीति को लेकर बड़ा सेमिनार चल रहा है। जिसमें प्रदेशभर से मुस्लिम समाज के 200 से ज्यादा बुद्धिजीवी शामिल हुए हैं। वे नेशनल हज कमेटी के चेयरमैन एपी अब्दुल्ला कुट्टी से वन-टू-वन चर्चा भी कर रहे हैं। सेमिनार में मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल से मदीना की सीधी उड़ान और खर्च को लेकर भी बात रखी गई है।
सेमिनार एयरपोर्ट रोड स्थित हज हाउस में आयोजित किया जा रहा है। इसमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन समेत प्रदेशभर से बुद्धिजीवी शामिल हैं। हज यात्रियों को क्या सुविधाएं दे सकते हैं, इसे लेकर वे सुझाव भी दे रहे हैं। एमपी हज कमेटी के अध्यक्ष रफत वारसी ने बताया कि प्रस्तावित हज नीति में लोग अपने सुझाव दे रहे हैं। जिनमें पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
भोपाल-इंदौर से फ्लाइट चालू करना पहली जरूरत
हज कमेटी के अध्यक्ष वारसी ने बताया कि पहले भोपाल और इंदौर से मदीना के लिए सीधी स्पेशल फ्लाइट थी। जिसे बंद कर दिया गया। अब मुंबई से जाना पड़ता है। इससे हज यात्रियों को ज्यादा राशि चुकाना पड़ती है। इसलिए सेमिनार में मांग रखी गई है कि आगामी हज यात्रा के लिए भोपाल और इंदौर से फ्लाइट चालू रहे। नेशनल कमेटी के अध्यक्ष कुट्टी के सामने मांग रखी गई है। बता दें कि नेशनल कमेटी के चेयरमैन कुट्टी बुधवार को ही भोपाल आ गए थे। सुबह 11 बजे से सेमिनार शुरू हुआ।
यह है हज कमेटी के दायित्व
बता दें कि 8 साल बाद हज कमेटी को निर्वाचित अध्यक्ष मिला है। वारसी 6 दिसंबर को ही अध्यक्ष चुने गए थे। इसके बाद पहली हज नीति को लेकर यह सेमिनार रखा गया है।
- हज यात्रा के लिए आवेदन बुलाना।
- तय कोटा से अधिक संख्या में आवेदन आने पर लॉटरी से चयन करना।
- हज यात्रा राशि कौन से बैंक खाते में जमा करना है, ये बताना।
- ऑनलाइन आवेदन करने में मदद करना।
- मक्का, मदीना में हज कमेटी ऑफ इंडिया के समन्वय से हज यात्रियों के ठहरने, परिवहन, यात्रा संबंधी व्यवस्थाएं कराना।
- कैंप में हज करने का तरीका बताना आदि।
2022 में हज यात्रा पर होने वाले खर्च की स्थिति
2022 की हज यात्रा में यात्रियों को 3.35 लाख से लेकर 4.07 लाख रुपए तक खर्च करने पड़े थे। इसके पूर्व वर्ष 2020 एवं 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते भारत से हज करने यात्री नहीं गए थे। वहीं, वर्ष 2019 में हज यात्रियों को 2.36 से 2.82 लाख रुपए तक खर्च करने पड़े थे। मध्यप्रदेश से राज्य हज कमेटी के माध्यम से औसतन 4800 यात्री हज करने जाते हैं। वर्ष 2019 में ये आंकड़ा 6000 को छू गया था, जबकि 2022 में ये घटकर 3200 रह गया था। आगामी हज यात्रा में यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है।