हटाए गए अंशकालिक कर्मचारियों ने काम दिलाये जाने की कलेक्टर से लगाई गुहार कलव्य आवासीय विद्यालय बैहर से हटाए गए थे 7 अंशकालिन कर्मचारी

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एकलव्य आवासीय विद्यालय में कार्य करने वाले अंशकालिक कर्मचारियों को बंद कर दिए जाने से उनके सामने रोजगार की समस्या खड़ी हो गई है और अपने आपको बेरोजगार पाकर अब रोजगार के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। एकलव्य आवासीय विद्यालय रौंदाटोला में कार्य करने वाले कुछ अंशकालीक कर्मचारी मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां उनके द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर बंद किए गए अंशकालिक कर्मचारियों को रोजगार दिलाए जाने की मांग की। कलेक्टर कार्यालय पहुंचे अंशकालिक कर्मचारियों ने बताया कि वे लोग कई वर्षों से स्व सहायता समूह से जुडक़र कार्य कर रहे थे लेकिन उन्हें एकलव्य आवासीय विद्यालय बैहर के 7 लोगों को काम से बंद कर दिया गया है जिसके कारण वे लोग सब काम के लिए भटक रहे हैं और कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंचे हैं इतने वर्षों तक शासन का काम किए तो उन्हें कहीं पर भी काम पर रखा जाए। उन्होंने यह भी कहा कि काम से बंद कर दिए जाने के कारण उन्हें बहुत ज्यादा आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
काम दिलाये जाने का निवेदन करने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे हैं – गोकुल प्रसाद

कलेक्टर कार्यालय पहुंचे रौंदाटोला निवासी गोकुल प्रसाद बिसेन ने बताया कि शासन का काम वे वर्ष 2014 से करते आ रहे थे इस बीच उन्होंने अटेंडर और स्व सहायता समूह में काम किया। बाद में स्व सहायता समूह के अध्यक्ष द्वारा कहा गया उनके समूह के लोग एग्री हो चुके हैं इसलिए अंशकालिक कर्मचारियों को काम पर नहीं रख पाएंगे। वे लोग अंशकालीन कर्मचारी के रूप में काम कर रहे थे इस प्रकार वहां से 7 अंशकालीन कर्मचारी बंद हो गए। अंशकालीन कर्मचारियों को सिर्फ एकलव्य आवासीय विद्यालय बैहर रौंदाटोला से ही बंद नहीं किया गया, बल्कि एकलव्य आवासीय विद्यालय जिले में जहा-जहा है उन सभी आवासीय विद्यालयों से अधिकारी कर्मचारियों को काम से बंद कर दिया गया जिनमें बैहर बालाघाट बिरसा मलाजखंड परसवाड़ा आदि ब्लाकों में स्थित एकलव्य आवासीय विद्यालय शामिल है। कलेक्टर से यही निवेदन करने पहुंचे हैं इतने दिनों तक शासन का काम किए तो हमें काम पर कहीं भी रखा जाये।
काम बंद होने से बहुत परेशानी हो रही है – शांति बनवाले

कलेक्टर कार्यालय पहुंचे अंशकालीन कर्मचारी शांतिवन वाले ने बताया कि वे लोग कलेक्टर के पास निवेदन करने आए हैं उन्हें कहीं भी काम दिलाया जाए। स्कूल में भी रख सकते हैं समूह में खाना बनाने का काम वे लोग 4 वर्षों से कर रहे थे काम बंद होने से बहुत परेशानी हो रही है। बच्चे स्कूल पढऩे जाते हैं ऐसे में काफी खर्च लगता है प्रशासन द्वारा आर्थिक समस्या का निवारण किया जाना चाहिए।

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