वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। वारासिवनी जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत मदनपुर के चौक पर ९ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा का आयोजन किया गया है। यह श्रीराम कथा २४ दिसंबर से १ जनवरी तक आयोजित की गई है। जिसमें प्रतिदिन सुबह ८ से १२ बजे तक जया अनुष्ठान पूजा श्री राम चरित्र मानस पाठ किया जा रहा है। वहीं दोपहर १ से शाम ५ बजे तक व्यास आसन से श्रीधाम वृंदावन से पधारे कथा वाचक आचार्य मंजीत कृष्णा शास्त्री के मुखारविंद से श्री राम कथा का संगीतमय बखान किया जा रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उपस्थित होकर कथा का श्रवण कर धर्म लाभ ले रहे हैं। जिसमें २४ दिसंबर को भव्य कलश शोभायात्रा तथा स्थल से निकल गई थी जो डीजे पर बज रहे भक्ति गीतों की धुन पर पूरे ग्राम का भ्रमण करते हुए वापस कथा स्थल पहुंची जहां पर शोभायात्रा का समापन किया गया। इस शोभायात्रा में कलश और जीवंत झांकी आकर्षण का केंद्र रही इसके बाद मंगलाचरण श्री राम नाम की महिमा का बखान किया गया। इस श्रीराम कथा में बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोगों से उपस्थित होकर धर्म लाभ अर्जित करने की अपील मदनपुर के समस्त ग्रामीणों ने की है।
मदनपुर में बह रही ज्ञान की गंगा
संगीतमय श्री राम कथा में २५ दिसंबर को सती चरित्र, शिव विवाह ,२६ दिसंबर को बाल लीला, अहिल्या उद्धार जनकपुर दर्शन ,२७ दिसंबर को श्री राम जन्मोत्सव हर्ष के साथ मनाया गया। वहीं महाराज के द्वारा कथा का विस्तृत वृतांत सुनाया गया। इसी कड़ी २८ दिसंबर को पुष्प वाटिका प्रसंग धनुष भंग कथा का वाचन करते हुए व्यास आसन से श्रीधाम वृंदावन से पधारे कथावाचक आचार्य मंजीत कृष्णा शास्त्री ने कहा कि हमें हमारी संस्कृति सभ्यता को बचाकर रखना है। हमारी भाषा संस्कृत है जिसे वह नहीं आती है तो हिंदी आनी चाहिए यह हमारी संस्कृति है। शास्त्र कहता है कि आप संस्कृत जानते हैं तो भगवान की आराधना करना चाहिए यह तो प्रत्येक भारतीय नर और नारी को करना चाहिए। यही राम कथा सिखाती है कि भगवान की अर्चना आराधना वंदना करना। आप सभी ध्यान रखें खानपान भाषा और वेशभूषा यदि बदल जाएगी तो सभ्यता बर्बाद हो जाएगी। परंतु देखने में आता है कि वही हो रहा है लोग अपने धर्म संस्कृति को छोडक़र दूसरे धर्म को अपना रहे हैं इसे संस्कृत का विनाश हो रहा है। मैं मानता हूं कि अपने भगवान राम ,भगवान श्याम को नहीं देखा पर अपने अपने पूर्वज तो देखे हैं जब उन्हें देखा है तो वह वही है। किसी ने प्रश्न किया कि राम देखे हैं तो उससे कहना कि उन्होंने अपने परदादा के परदादा को देखा है क्या नाम तक नहीं बता पाएगी। जैसे उनके परिवार के लोग परदादा थे बताते हैं वैसे ही हमारे शास्त्र भगवान राम और श्याम को बताते हैं और इन शास्त्रों में उनके अनेकों कथाएं लिखी हुई है। इसलिए अपने धर्म और संस्कृति से जुड़े रहे समय पर शास्त्रों का अध्ययन भी करते रहे।
ग्राम में संगीतमय श्रीराम कथा का आयोजन किया गया है-सुनील झिल्पे
सरपंच प्रतिनिधि सुनील झिल्पे ने बताया कि ग्राम में संगीतमय श्री राम कथा का आयोजन किया गया है। यह कथा २४ दिसंबर से १ जनवरी तक आयोजित की गई है जिसमें प्रारंभ अवसर पर कलश शोभायात्रा निकालकर ग्राम का भ्रमण किया गया था। उसके बाद विभिन्न विषय पर श्री धाम वृंदावन से पधारे कथा वाचक आचार्य मंजीत कृष्णा शास्त्री के द्वारा सभी को प्रवचन के माध्यम से संगीतमय कथा सुनाई जा रही है। यह कथा आयोजित करने का उद्देश्य है लोगों को अपने धर्म और संस्कृति से जोडऩा गलत रास्ते से उन्हें दूर कर सही रास्ता दिखाना है।