हरियाणा के भिवानी की एक और छोरी का मुक्काबाजी में कमाल, जैस्मिन ने जीता कांसा

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कॉमनवेल्थ खेलों में हरियाणा की छोरियां लगातार कमाल कर रही है यहां भिवानी की मुक्केबाज बेटियों ने यहां धमाल मचाया है। 57-60 किलोग्राम भार वर्ग में बॉक्सर जैस्मिन लंबोरिया ने कांस्य पदक जीत कर देश का नाम रोशन किया है। गोल्ड से चूकने पर परिजन थोड़े निराश जरूर हैं, पर पहली बार बेटी की इतनी बड़ी जीत पर खुश भी हैं।
कॉमनवेल्थ गेम्स में भिवानी की बॉक्सर बेटियां नीतू घनघस 45-48 किलोग्राम भार वर्ग में व जैस्मिन लेंबोरिया 57-60 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। शनिवार को दोनों के सेमिफ़ाइनल मैच हुए, जिसमें नीतू तो जीत गई पर जैस्मिन को हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि सेमिफ़ाइनल तक पहुंचते हुए जेस्मिन के देश की झोली में कांस्य पदक ज़रूर डाला है। जैस्मिन के परिजन अपनी लाड़ली के गोल्ड से चूकने पर थोड़े निराश ज़रूर हैं, पर पहली बार कॉमनवेल्थ में खेलने व मेडल लाने पर बेहद खुश भी हैं।
जैस्मिन की मां जोगीन्द्र कौर ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि उनकी बेटी गोल्ड लाएगी, पर कांस्य से ही संतोष करना पड़ा। उन्होंने कहा कि जैस्मिन छोटी सी उम्र में और थोड़े से समय में कॉमनवेल्थ तक पहुंची और देश के लिए मेडल लिया इसकी बेहद ख़ुशी भी है। मां का कहना है कि अब जैस्मीन का भिवानी आने पर ज़ोरदार स्वागत करेंगे और उसे देशी घी का चुरमा खिलाएंगे।
वहीं जैस्मिन के पिता जयबीर लंबोरिया तथा जैस्मिन के कोच व चाचा संदीप ने बताया कि उनकी बेटी ने बेहतर प्रदर्शन कर कांस्य पदक पाया है। उन्होंने कहा कि गोल्ड ना लाने की थोड़ी निराशा है, पर 6 साल के खेल में दुनिया के नंबर दो खेलों में कांस्य पदक भी कम नहीं। उन्होंने कहा कि जेश्मीन ग़लतियों से सिख लेगी और आगे चलकर एक दिन ओलंपिक में मेडल ज़रूर लाएगी। कहते हैं इंसान की इच्छाएं कभी पूरी नहीं होती, पर भिवानी की बेटियों कॉमनवेल्थ गेम में शानदार प्रदर्शन कर अपने मुक्के की गूंज पुरी दुनिया को सूनाकर देश का गौरव बढ़ा रही है, जिसमें अब जेश्मीन व नीतू घनघस का नाम भी शामिल हो गया है।

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