नगर की विभिन्न समस्याओं को दूर कर, नगर वासियों को बेहतर सुविधाएं देने की जिम्मेदारी नगर पालिका की है। लेकिन बालाघाट नगर पालिका की जिम्मेदार पदाधिकारी ही अपनी जिम्मेदारी का ठीक से पालन नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते नगर में जहां-तहां समस्याओं का अंबार देखा जा रहा है। तो वही नगरवासी भी नपा द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं से मेंहरूम है।उधर नगर की विभिन्न समस्याओं का संज्ञान लेकर उन समस्याओं के निराकरण के लिए प्रत्येक 2 माह में बुलाई जाने वाली परिषद की बैठक भी 11 मार्च के बाद आज तक आयोजित नहीं की गई है।जिसके चलते जहां एक ओर नगर में विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं, तो वही नगर में ऐसे कई विकास कार्य है जो अब भी आधे अधूरे पड़े हैं। वही नगर में वर्षों से लंबित विभिन्न समस्याओं का भी समाधान नहीं हो पा रहा है। जिस पर अपनी आपत्ति जताते हुए नगर पालिका के विपक्षी पार्षदों ने बुधवार को मुख्य नगर पालिका अधिकारी निशांत श्रीवास्तव से मुलाकात कर उन्हें एक ज्ञापन सौपा है।जिसमें उन्होंने नगर की विभिन्न समस्याओं का हवाला देते हुए, नगर पालिका अधिनियम की धारा 57 के तहत जल्द से जल्द नपा में विशेष बैठक आहूत किया जाने की मांग की है। बताया जा रहा है कि बीते 2 सालों में महज 6 बार परिषद की बैठक का आयोजन किया गया है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन के दौरान विधायक प्रतिनिधि सफ्फत खान, नेता प्रतिपक्ष योगराज उर्फ कारो लिल्हारे, पार्षद छबीराम नागेश्वर पन्ना शर्मा, प्रवीण मदनकर ,आशुतोष डहरवाल, रामभाऊ पंचेश्वर सहित अन्य प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
11 मार्च के बाद आज तक नहीं बुलाई गई परिषद की बैठक
जानकारी के मुताबिक नगर पालिका द्वारा नगरी क्षेत्र में कराए जाने वाले विकास कार्य और नगर वासियों की समस्याओं को देखते हुए प्रति माह परिषद की बैठक बुलाकर उन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। वही नगर पालिका नियम के मुताबिक प्रत्येक दो माह में एक बार परिषद की बैठक आहूत करने का नियम बनाया गया है।लेकिन आए दिनों इस नियम की अवहेलना की जा रही है। परिषद की जो बैठक प्रत्येक दो माह में एक बार होनी चाहिए।वह बैठक आज 4 माह बाद भी नहीं बुलाई गई है।जिस पर अपनी नाराजगी जताते हुए विपक्षी पार्षदों द्वारा एक तिहाई पार्षदों के साथ विशेष बैठक धारा 57 के तहत बुलाए जाने की मांग की गई है।आपको बताएं कि पिछली बार 11 मार्च को नगरपालिका सभागृह में परिषद की बैठक बुलाई गई थी। परिषद की उस बैठक को आज 04 माह बीत चुके हैं बावजूद इसके भी अब तक परिषद की बैठक का आयोजन नहीं किया गया है जिस पर विपक्षी पार्षदों ने अपने अधिकार का उपयोग कर धारा 57 के तहत विशेष बैठक बुलाई जाने की मांग की है।
हमे धारा 57 के तहत विशेष बैठक बुलाने का अधिकार है- कारो लिल्हारे
ज्ञापन को लेकर की गई चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष योगराज उर्फ कारो लिल्हारे ने बताया कि हमने सीएमओ से मुलाकात कर आज धारा 57 के तहत विशेष सम्मेलन बुलाए जाने की मांग की है। क्योंकि चार माह से नगर पालिका में परिषद की बैठक आहूत नहीं की गई है।जबकि बरसात के पूर्व एक बैठक बुलाया जाना अति आवश्यक था। शहर में मूलभूत आवश्यकताओं और जरूरत को लेकर परिषद की बैठक होनी चाहिए ,जो नहीं हो रही हैं।नगर के हनुमान चौक सहित अन्य जगहों पर जगह-जगह जल भराव हो रहा है, आउटर में ऐसे कई वार्ड है जिनके मार्ग कच्चे हैं वहां मलमा, डस्ट, मुरम डालना है।बरसात के चलते वैनगंगा नदी में पानी गंदा हो चुका है। वहां ऐलम, फिटकरी की व्यवस्था है या नहीं इस पर चर्चा करनी है।अभी फिल्टर प्लांट की मोटर जल चुकी है शहर वासियों को एक टाइम ही पानी सप्लाई होगा इस विषय पर चर्चा होनी है। वही रेलवे स्टेशन मार्ग अधूरा पड़ा है हनुमान चौक में जल जमाव हो रहा है इसके अलावा साफ सफाई, सड़क, नाली, बिजली सहित ऐसी कई मूलभूत सुविधाएं हैं जो नागरिकों को नहीं मिल पा रही है।इसीलिए एक विशेष बैठक का आयोजन कर विचार विमर्श करना जरूरी है और इन समस्याओं पर विचार विमर्श कर समस्या का समाधान निकाला जाना है। लेकिन जो बैठक हर दो माह में एक बार होनी चाहिए वह बैठक 4 महीने बीतने पर भी नहीं हो पाई। जबकि नगर पालिका को अधिकार है कि नगर वासियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए वह हर माह परिषद की बैठक बुलाए, लेकिन ऐसा भी नहीं किया जा रहा है।हमने कई बार अध्यक्ष सीएमओ को परिषद की बैठक बुलाने ज्ञापन सौपा है। लेकिन कुछ नहीं हुआ इसीलिए आज हमने अपने विशेषाधिकार का उपयोग कर धारा 57 के तहत एक तिहाई पार्षदों को लेकर विशेष बैठक बुलाने की मांग की है। नगर पालिका अधिनियम के मुताबिक अधिकारी को यह बैठक बुलानी ही पड़ेगी क्योंकि नगर पालिका का माहौल क्या चल रहा है इससे कोई मतलब नहीं है हमें नगर का विकास करना है और उन्ही मुद्दों को लेकर विशेष बैठक का आयोजन करने की मांग की गई है।