बालाघाट(पदमेश न्यूज़)
किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम दिलाने और उन्हें बिचौलियों से बचने के लिए प्रतिवर्ष शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जाती है। जहां प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी शासन द्वारा जिले के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर किसानों का उपार्जन खरीदा जा रहा है ।लेकिन परिवहन की उचित व्यवस्था न होने के चलते खरीदी गई धान का परिवहन नहीं हो पा रहा है।जिसके चलते जहां एक ओर किसान परेशान है ,तो वहीं दूसरी ओर समिति प्रबंधकों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।जहां जगह की कमी के चलते विभिन्न केंद्रों पर खरीदी गई धान के ढेर लग चुके हैं। तो वही जगह न होने के चलते किसानों को भी धान बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नौबत यहां तक आ गई है कि अब धान खरीदी केंद्र प्रभारियो ने परिवहन ना होने पर धान खरीदी का कार्य भी धीमा कर दिया दिया है जिसके चलते किसानों को केंद्र पहुचने के बाद धान बेचने के लिए 2 से 3 दिनों तक का समय लग रहा है।
परिवहन ना होने से केंद्रों में कम पड़ रही जगह
जिले के विभिन्न उपार्जन केंद्रो में वर्तमान में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम चल रहा है, लेकिन परिवहन ना होने के चलते धान की बिक्री के लिए केंद्र पहुचने वाले किसानों को हर मोड़ पर समस्याओ का सामना करना पड़ रहा है. जिले में विभिन्न धान खरीदी केंद्र से धान का उठाव न होने से उपार्जन प्रभारी व किसानों के लिए चिंता का सबब बन गया है. बालाघाट जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम चरेगांव सहित जिले के अन्य सेवा सहकारी समिति में धान का परिवहन नहीं होने से धान उपार्जन कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। यहां धान प्रभारी ने शासन प्रशासन विभाग को परिवहन निरंतर बनाए रखने की मांग की है।
72 घंटे वाले नियम का, नहीं किया जा रहा पालन
बात अगर नियम की करें तो नियम के मुताबिक किसानों से धान खरीदने के 72 घंटे या तीन दिन के भीतर खरीदी गई उस धान का परिवहन किए जाने का नियम बनाया गया है। ताकि विभिन्न धान खरीदी केंद्रों पर किसानों से धान खरीदने और किसानों को उस केंद्र पर धान बेचने में किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो। वही विभिन्न धान खरीदी केंद्रों पर पर्याप्त जगह बनी रहे। लेकिन जिले के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों पर इस नियम को ताक में रखा जा रहा है। जहां 72 घंटे वाले इस नियम की धज्जियां उड़ाते हुए धान का परिवहन नहीं किया जा रहा है।जिसके चलते किसान और केंद्र प्रभारी दोनों परेशान है। वही सबसे ज्यादा परेशानी भुगतान को लेकर आएगी।क्यो कि जब तक धान का परिवहन गोदाम तक नहीं हो जाता और गोदाम में उस धान की एंट्री नहीं हो जाती तब तक बेची गई उस धान का किसानों को भुगतान नहीं किया जाएगा।
स्लॉट ब्लैंक होने का मंडरा रहा खतरा
बता दें कि समितियों ने जिन किसानों की धान समर्थन मूल्य पर खरीद कर स्टॉक में रख लिया है, उसे वेयर हाउस में शिफ्ट नहीं किया गया. जिसके चलते केंद्रों में अब नया लॉट खरीदने के लिए जगह नहीं बची है. ऐसे में जिले के तमाम किसानों के बुक स्लॉट ब्लैंक होने का खतरा मंडराने लगा है. यह स्थिति बालाघाट जिले की लगभग सभी जनपद के लगभग सभी खरीदी केंद्रों में बनी हुई है।
यहां पैर रखने तक कि जगह नही है- कृष्ण पारधी
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्राम चरेगांव के किसान कृष्ण कुमार पारधी ने बताया कि वे समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए चरेगांव समिति आए हैं यहां पर धान रखने के लिए जगह तक नहीं बची है।किसानों दो-तीन दिनों से यहां पर धान तौलने की राह देख रहे हैं।जिन्हें खरीदी केंद्र में अपने माल की जगवाली करनी पड़ रही है। लेकिन यहां पर माल डंप करके रखा गया है जिसका परिवहन नहीं हो पाया है। इस धान खरीदी केंद्र में पैर रखने तक की जगह नहीं बची है। खरीदी केंद्र से, तत्काल धान का परिवहन करना चाहिए। ताकि किसानों को धान बेचने के लिए दो-तीन दिनों का इंतजार करना ना पड़े।
3 दिन से धान लेकर जगवाली कर रहे है-पटले
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्राम सेरावी के किसान राम प्रसाद पटले ने बताया कि वे करीब 400 पट्टी धान लेकर समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए खरीदी केंद्र आए हैं। सोमवार से यहां धान लेकर आए हैं जिसकी खरीदी अब तक नहीं की गई गई है यहां पर धान का परिवहन नहीं हो रहा है जिसके चलते धान रखने के लिए जगह नहीं बची है जिसका खामियाजा हम किसानों को भुगतना पड़ रहा है और वे दो-तीन दिनों से अपनी धान बिक्री के इंतजार में जगवाली कर रहे हैं।
किसानों के साथ-साथ हम भी परेशान हैं- बिसेन
वही इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति चरेगांव धान खरीदी प्रभारी जितेंद्र बिसेन ने बताया कि अब तक करीब 5000 क्विंटल से अधिक धान की खरीदी की जा चुकी है हमारे पास जो ग्राउंड है वह ग्राउंड पूरा भर चुका है।अब हमारे पास धान रखने की जगह नहीं बची है धान का परिवहन नहीं हो रहा है इसीलिए समस्या आ रही है। किसानों के साथ-साथ हम भी परेशान हैं।हमारी मांग है कि जल्द से जल्द केंद्र से धान का परिवहन किया जाना चाहिए। ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा सके।