हाई कोर्ट ने कहा- आक्सीजन और रेमडेसिविर का तत्काल करे इंतजाम, इंजेक्शन मांगने के एक घंटे में दिलवाएं

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कोरोना महामारी के बीच चिकित्सा व्यवस्थाओं की बदइंतजामी पर हाईकोर्ट ने फैसला दिया। इस मामले से जुड़े कई याचिकाओं की सुनवाई की गई। इसमें आक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा गया। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि हम मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकते हैं। केंद्र सरकार आक्सीजन सप्लाई पर दखल दे। जरूरी हो तो उद्योगों को दी जाने वाले आक्सीजन हेल्थ सेक्टर को दी जाए। रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ाने सरकार प्रयास करे। जरूरी होने पर आयात पर करवाए। निजी अस्पताल इलाज के नाम पर मनमानी राशि न वसूल सके यह भी सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए निजी अस्पताल में कोरोना इलाज की दर तय की जाए।

राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा की याचिका पर भी सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने कहा कि अस्पतालों के बाहर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत चस्पा करवाई जाए। जरूरत के वक्त एक घंटे में मरीज को इंजेक्शन मिले। प्रदेश में संचालित कोविड केयर सेंटर को दोबारा चालू किया जाए। इसके अलावा मरीजों को कोरोना जांच की आरटीपीसीआर रिपोर्ट 36 घंटे के भीतर उपलब्ध कराई जाए।

अस्थाई अस्पताल बने : कोर्ट ने कहा कि कोविड मरीजों के लिए अस्थाई अस्पताल तैयार कराए जाएं। इसके लिए स्कूल, कालेज, मैरिज हाल, होटल, स्टेडियम को अस्थाई अस्पताल में तब्दील किया जाए। प्रदेश में विद्युत शवदाह गृहों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के खाली पदों को शीघ्र भरा जाए। इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इस संबंध में 10 मई को अगली सुनवाई तय की गई है।

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