सम्पूर्ण देश मे लगातार बढ़ती जा रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन कर ड्राइवरो के लिए एक नया कानून बनाया है। जिसमें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 के तहत सड़क दुर्घटना होने और वाहन चालकों के मौके से भागने पर 10 साल कैद और 05 लाख रुपये के जुर्माना के प्रावधान रखा गया है ।इस कानून के पास होते ही बस ट्रक ट्रैक्टर छोटे वाहन चलाने वाले सहित अन्य वाहन चालकों में केन्द्र सरकार के खिलाफ भारी रोष देखा जा रहा है, और वह पूरे देश में इस नए कानून का विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को स्थानीय वाहन चालकों ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए इस नए कानून को काला कानून बताते हुए नगर के काली पुतली चौक में सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की। जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार से इस नए कानून को वापस लिए जाने की गुहार लगाई है। जहां उन्होंने सरकार को दो दिनों का अल्टीमेटम देते हुए इन दो दिनों की भीतर मांग पूरी करने को कहा है। जहां मांग पूरी न होने पर 1 जनवरी 2024 से अपने-अपने वाहनों के स्टेरिंग छोड़कर, वाहनों के पहिए जाम करने और और इस कानून के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किए जाने की चेतावनी दी है। जिन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वे तब तक गाड़ी नहीं चलाएंगे जब तक इस काले कानून को वापस नहीं लिया जाता । बताया जा रहा है कि केवल बालाघाट या मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि संपूर्ण देश के वाहन चालकों ने इस नए कानून को वापस लिए जाने की मांग की है।जिन्होंने 1 जनवरी 2024 से वाहनों के स्टेरिंग छोड़कर सरकार के ख़िलाफ़ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
खराब आर्थिक स्थिति है, नहीं भर सकते जुर्माना ,
सांकेतिक प्रदर्शन कर रहे वाहन चालकों का आरोप है कि वे 5 – 10 हजार रु में नौकरी करते हैं पहले से उनकी आर्थिक हालत खराब है ऐसे में वे लाखो का जुर्माना कहा से भरेंगे। इसीलिए सरकार ने यह कानून वापस लेना चाहिए और पूर्व कानून को यथावत किया जाना चाहिए। ताकि हम भी ड्राइवरी के इस पेशे से अपने परिवार का लालन-पालन कर सके। क्योंकि इसके अलावा हमारे पास कोई दूसरा काम नहीं है,दूसरा कोई रोजगार भी नही है। ऐसे में हमारी रोजी-रोटी में दिक्कत आएगी और खाने के लाले पड़ जाएंगे। लेकिन सरकार ने एक तरफा फैसला करते हुए इसमें संशोधन कर दिया।यह नया कानून नहीं ,बल्कि काना काला कानून है जिसका हम हमेशा विरोध करते रहेंगे।
अगर ड्राइवर भागेगा नही तो जान चली जाएगी
सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वाहन चालको को का मानना है कि कोई जानबूझकर सड़क हादसे नहीं करता और ना ही जानबूझकर किसी को अपने वाहन की चपेट में लेता है। नए कानून के तहत यदि किसी बस ड्राइवर या अन्य वाहन चालक से कोई हादसा हो जाता है और वह घायल को अस्पताल पहुंचाता है। या मौके से भागता नही तो तो वह मौके पर लगने वाली भीड़ को कैसे कंट्रोल करेगा। लोग उसके साथ मारपीट करेंगे, यदि मानवता के नाते वह घायल को अस्पताल पहुंचते भी है तो भी अस्पताल आकर उससे मारपीट की जाएगी। यहां तक कि इस मारपीट से गम्भीर रूप से घायल हो सकता है और लोगों के आक्रोश में ड्राइवर की जान भी जा सकती है। इसीलिए देशभर के ड्राइवर इस नए कानून को काला कानून बताकर इसका विरोध कर रहे हैं।