भारत की राजनीति में इस समय हिंदू और हिंदुत्व पर बह छिड़ी है, मसलन राहुल गांधी खुद को हिंदू कहते हैं लेकिन उनकी नजर में वो हिंदुत्ववादी नहीं है। वो कहते हैं कि महात्मा गांधी हिंदू थे लेकिन गोडसे हिंदुत्वादी था। जयपुर में कांग्रेस की रैली वैसे तो महंगाई पर केंद्रित थी। लेकिन राहुल गांधी का भाषण हिंदू और हिंदुत्ववाद पर केंद्रित रहा।
सत्ता की तलाश में रह गए हिंदुत्ववादी
जयपुर में पार्टी की रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुत्ववादी अपना पूरा जीवन सत्ता की तलाश में लगा देते हैं। उन्हें सत्ता के अलावा कुछ नहीं चाहिए और इसके लिए वे कुछ भी कर सकते हैं। वे ‘सत्याग्रह’ नहीं ‘सत्ताग्रह’ के मार्ग पर चलते हैं। यह देश हिंदुओं का है, हिंदुत्ववादियों का नहीं।देश की राजनीति में दो शब्दों की टक्कर है। एक है हिंदू और दूसरी हिंदुत्ववादी; यह एक चीज नहीं है, यह दो अलग-अलग शब्द हैं।