महाराष्ट्र के नाशिक स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक त्र्यंबकेश्वर मंदिर में मुस्लिम युवकों के जबरन घुसने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। इस बीच पूरे मामले में स्थानीय मुस्लिमों का पक्ष भी सामने आ गया है।
स्थानीय मुस्लिम समुदाय का कहना है कि वे हर वर्ष मंदिर के बाहर से ज्योतिर्लिंग को लोबान दिखाने की रीति निभाते आ रहे हैं, लेकिन इसका विरोध पहली बार हो रहा है।नासिक डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष परवेज कोंकणी कहते हैं, मुझे आश्चर्य हो रहा है कि इस बार अचानक ये सवाल क्यों उठाया जा रहा है? त्र्यंबकेश्वर कस्बे के कई हिंदू भी मानते हैं कि स्थानीय मुस्लिमों द्वारा हर वर्ष उर्स के मौके पर ज्योतिर्लिंग को लोबान दिखाने की परंपरा चली आ रही है।
हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन, किया शुद्धिकरण
मामले में चार मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। उनसे पूछताछ जारी है। 13 मई की रात करीब पौने 10 बजे 10 से 12 युवकों ने मंदिर में घुसने का प्रयास किया था। बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। इस बीच, हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मंदिर पहुंचे और द्वार का शुद्धिकरण किया गया। साथ ही उस बोर्ड की भी दिखाया गया, जिस पर लिखा है कि सिर्फ हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति है।