,अप्रैल और मई माह से ज्यादा गर्मी जून माह में
गौरतलब है कि जून माह अब अंतिम पड़ाव पर आ गया है। जितनी गर्मी अप्रैल और मई माह में नही पड़ी उतनी गर्मी जून माह में पड़ रही है। वर्तमान समय में आमजनमानस लूज मोशन, उल्टी व पेट दर्द से ग्रसित मरीज उपचार के लिये पहुॅच रहे है। मरीजो की संख्या काफी ज्यादा है क्योकि गर्मी का प्रकोप अपने सिर चढ़कर बोल रहा है। खासकर बच्चे डिहाईड्रेशन का शिकर सबसे ज्यादा हो रहे है। ऐसे में सुरक्षा बरतना लाजमी नजर आ रहा है।
उल्टी दस्त से पीडि़त है बच्चा – उषा भगत
इसी संबंध में अपने बच्चे का उल्टी व दस्त का उपचार करवाने सिविल अस्पताल पहुॅची श्रीमती उषा भगत ने पद्मेश को बताया कि उनका बच्चा बीती रात्री से उल्टी दस्त से परेशान था। जिसे उपचार के लिये वे सिविल अस्पताल लेकर आयी है जहां डॉक्टर ने दवाई के बाद उसके खान पान में विशेष ध्यान रखने के साथ ही ठंडक भरे स्थान में रखने की सलाह दी है। ऐसे कई बच्चे और आये हुये है। वर्तमान में पड़ रही गर्मी की वजह से बच्चे बुढ़े और जवान सभी डिहाईड्रेशन रोग से पीडि़त है। ऐसे में हमें स्वयं ही अपने स्वास्थ पर ध्यान देना पड़ेगा।
ठंडे स्थान पर रहे, धूप पर न निकले – डॉ. कमलेश झोड़े
पद्मेश से दूरभाष पर चर्चा करते है विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर कमलेश झोड़े ने बताया कि वर्तमान में हीट स्ट्रोक अर्थात डिहाईड्रेशन के मरीजो की अस्पताल में संख्या ज्यादा है। ऐसे में हमे कुछ उपाय करने चाहिये जैसे ठंडे स्थान पर रहे, धूप जब चढ़ जाये तो छॉव वाले स्थान पर खड़े रहे साथ ही पानी का सेवन काफी मात्रा में करे ताकि शरीर का संतुलन बना रहे। वही उन्होने बताया कि तरल पदार्थ खिचड़ी दलिया का सेवन अत्याधिक मात्रा में करे, तैलीय पदार्थ खाने से बचे व शरीर को ढॉककर चले साथ ही नींबू पानी नमक शक्कर का घोल अधिक मात्रा में पिये। तब जाकर हमारे शरीर का तापमान संतुलित दायरे में रहे।