मानदेय बढ़ाए जाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ और मध्यप्रदेश स्व-सहायता समूह संगठन के बैनर तले मध्यान्ह भोजन, रसोईया संगठन और आंगनबाड़ी साझा चूल्हा रसोईया से जुड़ी रसोईयां बहने गत 07 अगस्त से नगर के बस स्टैंड में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। जिन्होंने आज हड़ताल के दूसरे दिन हड़ताल स्थल से रैली निकालकर काली पुतली चौक में सांकेतिक तौर पर चक्का जाम कर कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया और अपनी मानदेय बढ़ाए जाने की मांग की। इस दौरान हड़ताली रसोईया बहनों ने मानदेय बढ़ाए जाने की अपनी प्रमुख मांग को लेकर जगह-जगह जमकर नारेबाजी की और प्रदेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए मांग पूरी ना होने तक उनकी यह अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी है।। इस दौरान बड़ी संख्या में रसोईयां बहने सांकेतिक चक्काजाम ,कलेक्ट्रेट कार्यालय के घेराव और प्रदर्शन में शामिल रही।
आक्रोशित रसोईया बहनों ने तख्ता पलट की दी चेतावनी
मानदेय बढ़ाए जाने की मांग को लेकर पिछले 2 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी रसोईया बहनों ने प्रदर्शन के दौरान बताया कि इस बढ़ती महंगाई में सरकार बताये कि महज 500 रुपये मानदेय में रसोईया बहने अपना गुजारा कैसे करें। हड़ताली रसोईया बहनों ने बताया कि वे बहुत कम मानदेय में अपनी सेवाएं स्कूलों एवं आंगनवाड़ियों में खाना बना कर दे रही हैं किंतु अनेकों बार शासन प्रशासन से मानदेय वृद्धि करने के लिए आवेदन निवेदन करने के बाद भी शासन आज तक उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया है। उन्हें आंगनवाड़ी में महज 500 रूपये का मानदेय दिया जाता है वही जो बहने स्कूलों में खाना बनाती है उन्हें महज 2000 रूपये दिया जाता है। रसोईयां बहनें चाहती है कि सरकार उन पर भी ध्यान दें एवं उनके भी मानदेय में वृद्धि की जाए।जहां सांकेतिक चक्काजाम और कलेक्टर कार्यालय के घेराव के माध्यम से उन्होंने अपनी इस प्रमुख मांग को पूरा किए जाने की गुहार लगाई। साथ ही चेतावनी दी कि यदि मांग पूरी नही की जाती है तो वे आगामी चुनाव में सरकार का तख्ता भी पलट सकती है।
मांग पूरी कराने के लिए जेल जाने भी तैयार हैं- देवनाथ
रसोईया बहनों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन को लेकर की गई चर्चा के दौरान राष्ट्रीय मूल निवासी बहुजन कर्मचारी संघ ट्रेड यूनियन प्रदेश अध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश स्व-सहायता समूह संगठन प्रभारी देवनाथ पंचेश्वर ने बताया कि आंगनबाड़ी में 500 रुपये और स्कूलों में 2000 रुपये का मानदेय लेने वाली रसोईया बहनों का सरकार, आर्थिक शोषण कर रही है। जिनकी मांगो पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हमारी मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मांग है कि हमें सम्मानजनक मानदेय दिया जाए, ताकि हम भी उनका सम्मान कर सकें। प्रदेश सरकार एक ओर समस्त संगठनों और कर्मचारियों की महापंचायत बुलाकर उनकी समस्या का समाधान कर रही है, तो फिर रसोईया बहनों की महापंचायत क्यों नहीं बुलाई जा रही है। हमारी मांग है कि सरकार रसोईया बहनों की महापंचायत बुलाए और हमारी समस्याओं का समाधान करें। अब जब तक हमारी यह मांग पूरी नहीं होती तब तक हमारी यह अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि आज सांकेतिक चक्काजाम के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें उठा लिए लेने की बात कही जा रही है। हम सब अपनी इस मांग को लेकर अड़े हुए हैं। अपनी इस मांग को पूरा कराने के लिए हम जेल जाने भी तैयार हैं। चाहे कुछ भी हो जाए हम इस बार पीछे नहीं हटेंगे और अपनी मांग पूरी करवाकर ही दम लेंगे।










































