नगर मुख्यालय की ग्राम पंचायत पांढऱवानी के अंतर्गत आने वाले ग्राम पांढरवानी, रामजीटोला, उदासीटोला सहित अन्य आपपास के ग्रामीणजन व किसान आवारा मवेशियों से खासा परेशान है क्योंकि रात्रि के समय आवारा मवेशी खेतों में पहुंचकर खेत में लगी फसल को चौपट कर रहे है जिससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है और विगत दिवस ग्राम पंचायत पांढरवानी के द्वारा मुनादी करवाकर पशु मालिकों से अपील की गई थी कि अपने पशुओं को सुरक्षित रखे परन्तु पशु मालिक अपने पशुओं को खुला छोड़ रहे है। जिसके कारण यह मवेशी हाईवे मार्ग स्थित बस स्टैण्ड, मजार के सामने सहित अन्य स्थानों पर धमाचौकड़ी मचाते रहते है जिससे दुर्घटनाएं भी घटित हो रही है एवं रात्रि के समय किसानों के खेतों में पहुंचकर लगी दलहन सहित अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंच रहे है। १३ जनवरी को पांढरवानी, रामजीटोला, उदासीटोला, आमाटोला, अमोली सहित अन्य ग्रामों के किसानों ने क्षेत्र में घुमकर आवारा मवेशियों को पकडऩे की मुहिम चलाई और तीन दर्जन से अधिक आवारा मवेशियों का पकडक़र गौशाला भेजा गया है ताकि उनकी फसल सुरक्षित बच सके और यह मुहिम निरंतर चलाये जाने की बात कही है। साथ ही किसानों ने क्षेत्र में घुम रहे आवारा मवेशियों को पकडक़र उन्हे गौशाला भेजने एवं पशु मालिकों पर कार्यवाही करने की मांग शासन-प्रशासन से की है।
आपकों बता दे कि लालबर्रा क्षेत्र पूरी तरह से कृषि पर ही आधारित है और ग्रामीण अंचलों पर वर्ष भर खेत एवं घरों में दैनिक जीवन में उपयोग आने वाले फसल एवं सब्जियां उगाई जाती है साथ ही वर्तमान समय में खेतों में चना, गेंहू, अलसी, लखोड़ी सहित अन्य दलहन फसले लगाई गई है एवं रबी सीजन की धान की रोपाई कार्य भी जारी है और उक्त फसल का उत्पादन लेकर किसान अपनी जीविकापार्जन करने के साथ आर्थिक स्थिति को मजबूत करने का प्रयास करते है लेकिन किसानों की इस मेहनत पर आवारा मवेशी हमेशा पानी फेर देते है। आवारा मवेशियों के द्वारा आये दिन किसानों के खेतों में लगी फसल सहित लोगों के घरो की बाडिय़ों में लगी सब्जियों को भी नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिससे किसाने बेहद ही परेशान है और इस परेशानी से निपटने के लिये किसानों ने सामुहिक रूप से पांढरवानी पंचायत के सहयोग से आवारा मवेशियों को पकडक़र गौशाला भेंजने का निर्णय लिया है ताकि उनकी फसल को आवारा मवेशी नुकसान न पहुंचा पाये। साथ ही आवारा मवेशी हाईवे रोड़ स्थित अन्य मार्ग पर भी धमाचौकड़ी मचाते थे उसमें कमी आयेगी जिससे दुर्घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा क्योंकि जब हाईवे रोड़ व अन्य मार्ग पर आवारा मवेशी घुमते रहते है तो उनसेे दुपहिया व अन्य वाहन चालक टकराकर दुर्घटना के शिकार हो जाते है और पूर्व में आवारा मवेशियों से वाहन टकराने के कारण हादसे भी घटित हो चुकी है उसके बावजूद भी प्रशासन हरकत में नही आ रहा है। जिसके कारण पशु मालिकों के हौसलें बुलंद है और वे अपने पशुओं को खुला छोड़ रहे है अगर प्रशासन के द्वारा आवारा मवेशियों को पकडऩे के साथ पशु मालिकों पर कार्यवाही की जाती है तो पशु मालिक अपने पशुओं को खुला नही छोड़ेगेें।