बीते तीन-चार वर्षों से नगरपालिका की टीम नगर में साफ-सफाई बढ़ाने और स्वच्छता रेटिंग को बढ़ाने का प्रयास कर रही है लेकिन नपा को उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल पा रही है कुछ फुटकर व्यापारियों आम नागरिकों की नासमझी के चलते नगर में जगह-जगह कचरा पड़ा दिखाई देता है।
संसाधन के अभाव में नगर पालिका की स्वच्छता ग्रेडिंग नहीं बढ़ पा रही है पिछले 2 साल के दौरान नगर पालिका द्वारा नगर के विभिन्न चौक चौराहों व बाजारों में स्वच्छता के लिए सूखा कचरा, गीला कचरा के डस्टबिन लगाए गए थे।
जिसमें से कई डस्टबिनो की हालत खस्ताहाल हो चुकी है तो वही स्टील के डस्टबिनो में से कई डस्टबिनो को अज्ञात तत्वों द्वारा चोरी कर लिया गया है इसके अलावा नगर में कचरा संग्रहण के लिए जगह-जगह लगाए गए प्लास्टिक डस्टबिनो के भी बुरे हाल हैं ।
आपको बताएं कि पिछली बार स्वच्छता सर्वेक्षण टीम को खुश करने के लिए नगर पालिका द्वारा 90 हजार की लागत से 10 स्टील के डस्टबिन सेट नगर के विभिन्न चौक चौराहों व मार्गों में लगाए गए थे जिसमें से 8 डस्टबिन सेट चोरी हो चुके हैं वही नगर में महज 2 सेट स्टील के डस्टबिन अपनी सोभा बढा रहे है वही कचरा संग्रहण के लिए लगाए गए प्लास्टिक के 37 डस्टबिनो में से 25 डस्टबिन बचे है जिसमे से कई डस्टबिन खस्ताहाल हैं।
मुख्य नगरपालिका अधिकारी सतीश मटसेनिया ने बताया कि प्रतिवर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण चलता है उसी के मापदंड को देखते हुए नगर में डस्टबिन लगाए जाते हैं ।पहले असामाजिक तत्वों द्वारा अधिक मात्रा में डस्टबिनो की चोरी की जाती थी लेकिन अब लोग जागरूक हो गए हैं अब कम क्षति पहुंचा रहे हैं जहां-जहां आवश्यकता होती है नगर पालिका द्वारा डस्टबिन लगाने का कार्य किया जाता है।