भोपाल भाजपा से चुनावी मुकाबले में कांग्रेस लगातार मात खा रही है। इसका बड़ा कारण मैदानी स्तर पर संगठन की कमजोरी को माना जाता है। इसे दूर करने के लिए बारह साल पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सोनिया गांधी से कहा था कि हमें ब्लाक से नीचे इकाई बनानी चाहिए। ब्लाक अध्यक्ष 300 बूथों का काम नहीं देख सकता है। वे भी इससे सहमत थीं, लेकिन यह लागू नहीं हो पाया। छिंदवाड़ा में इस माडल को लागू किया और परिणाम सबके सामने है। जिले की सभी सात विधानसभा सीटें कांग्रेस के पास हैं।
मध्य प्रदेश में एक मात्र लोकसभा सीट छिंदवाड़ा भी कांग्रेस ने जीती। यहां नगर निगम महापौर और जिला पंचायत अध्यक्ष भी कांग्रेस के हैं। पांच साल में बूथ, सेक्टर और मंडलम के फामूले का विस्तार पूरे प्रदेश में किया गया है। हमारा मुकाबला भाजपा के नेताओं से नहीं बल्कि उसके संगठन से है। अब जिले में दौरे की शुरुआत इसी बूथ, सेक्टर और मंडलम समिति की बैठक से होती है। ये बातें कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने ‘नईदुनिया’ से विशेष चर्चा में कहीं। प्रस्तुत हैं चर्चा के प्रमुख अंश-
संगठनात्मक दृष्टि से भाजपा की तैयारी कहीं आगे नजर आती है। आपकी क्या तैयारी है?
– संगठन का हमने नीचे तक विस्तार किया है। मैंने 12 साल पहले सोनिया जी से कहा था कि एक ब्लाक अध्यक्ष तीन सौ मतदान केंद्र वाले विधानसभा क्षेत्र को नहीं देख सकता है। हमें बूथ स्तर पर विस्तार करना चाहिए। उन्होंने आस्कर फर्नांडीस को इसे देखने के लिए कहा था। उन्होंने पार्टी के संविधान में संशोधन और अन्य राज्यों से सलाह-मशविरा करने की बात कही तो मैंने अपनी ओर से छिंदवाड़ा में लागू कर दिया। तीन से पांच बूथ का सेक्टर और 12 बूथ के ऊपर मंडलम बनाए। इसका लाभ यह हुआ कि प्रत्येक मतदान केंद्र तक समर्पित कार्यकर्ताओं की टीम तैयार हो गई। दमोह उपचुनाव में इसी टीम ने काम किया और हम रिकार्ड मतों से जीते। टीम में सही व्यक्तियों का चयन हुआ या नहीं, ये कहीं कागज पर तो नहीं बन गई, इसकी निगरानी काल सेंटर करता है। मैं स्वयं फोन लगाकर बात करता हूं और जहां जाता हूं, वहां मंडल और सेक्टर की बैठक करता हूं।