15 दिन टैक्स असेसमेंट के करीब सवा लाख प्रकरण निपटाने की चुनौती, मियाद बढ़ाने की मांग

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वैट, एंट्री टैक्स और केंद्रीय टैक्स असेसमेंट के लिए कर संगठनों ने अंतिम तिथि आगे बढ़ाने की मांग की है। मध्य प्रदेश टैक्स लॉ बार एसोसिएशन और कमर्शियल टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन ने प्रदेश के राज्यकर आयुक्त के सामने यह मांग रखी है। दिसंबर में बीत रही मियाद को अप्रैल तक बढ़ाने की मांग की जा रही है।कर सलाहकारों और वकीलों ने राज्य कर यानी वाणिज्यिक कर विभाग में सक्षम अधिकारियों की कम संख्या का हवाला देते हुए तारीख आगे बढ़ाने की मांग रखी है। राज्यकर आयुक्त राघवेंद्र कुमार सिंह को दोनों कर संगठनों की और से ज्ञापन सौंपा गया है। कमर्शियल टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष यशवंत लोभाने और मप्र टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विन लखोटिया के अनुसार वर्ष 2017-18 के प्रकरण 31 दिसंबर 2020 को कालावरोधित (टाइम बार) हो रहे हैं। असेसमेंट के ये लंबित प्रकरण वेट, प्रवेश कर, केंद्रीय कर से जुड़े हैं। इन प्रकरणों की समय सीमा को 30 अप्रैल 2021 तक बढ़ाने की मांग रखी गई है।

अधिकारी कम, काम ज्यादाकर सलाहकारों के अनुसार मप्र वाणिज्यिक कर विभाग में सहायक आयुक्त स्तर पर अधिकारियों की संख्या 35 हैं। इन अधिकारियों के स्तर पर लंबित प्रकरणों की संख्या 7500 हैं। वाणिज्यिक कर अधिकारी की संख्या 84 जबकि उनके स्तर पर लंबित प्रकरण 29000 हैं। सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी की संख्या 190 तथा उनके स्तर पर अब भी लंबित प्रकरण 81500 है। इस प्रकार कुल 309 अधिकारियों को 15 कार्य दिवसों में 1,18,000 प्रकरणों का निराकरण करना है। यानी एक दिन में एक अधिकारी द्वारा औसतन 380 प्रकरणों का निराकरण असंभव है। इसके अलावा शहर में वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से भी व्यापारी एवं कर सलाहकारों का कार्य बाधित हो रहा है।

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