आज दुबई का नाम आते ही जो दो चीजें जो सबसे पहले जेहन में आती हैं, वो हैं- गगनचुंबी इमारतें और सोने के मनमोहक गहने। इस देश में जितना प्राकृतिक पीलापन यहां की रेत में है, उतना ही खरा पीला यहां का सोना है। मगर “सिटी ऑफ गोल्ड’ का दुबई का यह दर्जा हमेशा नहीं था।
आज दुबई गोल्ड का व्यापार करने वाले देशों में हॉन्गकॉन्ग और अमेरिका से भी ऊपर है। इस मुकाम तक का सफर 1996 में शुरू हुआ था, जब यहां की सरकार ने दुबई शॉपिंग फेस्टिवल में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सोने की गुणवत्ता की निगरानी और टैक्स का नया सिस्टम बनाया।
दुबई कस्टम के अनुसार, 2020 के पहले 9 माह में, देश में सोने का व्यापार 49 अरब डॉलर यानी करीब 36 खरब रुपए का था। यह तेल के बाद सबसे आकर्षक निर्यात है। गोल्ड ट्रेड दुबई की अर्थव्यवस्था में 30% योगदान देता है। यह अनुमान लगाया गया है कि दुनिया के सोने का 20% से 40% हर साल दुबई से होकर गुजरता है, और इसका अधिकांश हिस्सा यहां के प्राइम गोल्ड मार्केट गोल्ड सूक में आता है। 700 से अधिक व्यापारी अब यहां अपना व्यापार करते हैं।
प्राइम मार्केट बनने के लिए दुबई ने भौगोलिक स्थिति को भुनाया
- दुबई में दुनिया भर की खदानों से कच्चा माल आता है। 2018 में दुबई में सोने का आयात 20 खरब भारतीय रुपए से अधिक का था। सरकार ने यहां रिफाइनरियों की संख्या बढ़ाई है। जिसका सीधा फायदा मिलता है।
- यहां गोल्ड ब्रोकर टाइम जोन का फायदा उठाते हैं। गोल्ड एक्सचेंज स्थानीय स्तर पर सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहता है। इस प्रकार यह दुनिया के कुछ एक्सचेंजों में से एक है जो ऑस्ट्रेलिया से अमेरिका के पश्चिमी तट तक हर टाइमजोन को पकड़ता है और सारी दुनिया के गोल्ड के रुझानों पर रोज़ निगाह रखता है।
भारत में हॉलमार्किंग का कदम सराहनीय
दुबई गोल्ड एंड ज्वेलरी ग्रुप ने भारत सरकार ककी हॉलमार्किंग की पहल को सराहते हुए कहा कि यह ग्राहकों में विश्वास पैदा करेगा। साथ ही ग्राहक को अंतरराष्ट्रीय मार्केट में सोना एक्सचेंज करने के मौके और अच्छे रेट की गारंटी मिलेगी। दुबई गोल्ड और ज्वेलरी ग्रुप और बाज़ार, भारत सरकार से एक सुधार की अपेक्षा भी करती है। दुबई या अन्य देशों से भारत वापस जाने वाले टूरिस्टों की ड्यूटी में दी गई छूट को अंतरराष्ट्रीय पैटर्न पर ग्राम में बदल दिया जाए, जबकि अभी यह सोने के मूल्य पर आधारित है।
3 कारणों से समझिए… दुबई का ही सोना क्यों
दुबई गोल्ड एंड ज्वेलरी ग्रुप के कोषाध्यक्ष अब्दुल सलाम के.पी. के मुताबिक इसके 3 कारण हैं…
- सबसे सस्ता सोना : दुबई में कीमतें सोने की कीमतें सरकार की नीतियों और कम टैक्स के कारण किसी भी समय दुनिया के दूसरे देशों से 10-12% कम रहती हैं। पर्यटकों के लिए सोना करमुक्त होता है, जिसकी वजह से लोग दूसरे देशों से शॉपिंग के लिए आते हैं। किसी भी समय, बाजार में 40-50 टन सोना उपलब्ध होता है। यह उपलब्धता हमें कीमतों से खेलने का मौका देती है।
- एक जगह सभी डिजाइन : दूसरा कारण ये कि दुबई के मार्केट में दुनिया के सारे डिजाइन एक ही जगह मिल जाते हैं। चाहे हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर, इटालियन, अरेबिक डिजाइन हो या दक्षिण भारतीय या बंगाली डिजाइन…यहां उपलब्ध हैं।
- मिलावट पर कड़ी सजा : तीसरा और सबसे बड़ा कारण है-क्वालिटी। सख्त कानून, सजा व निगरानी के कारण यहां कोई सोने में मिलावट की कल्पना भी नहीं कर सकता।