2 अक्टूबर को पायलट को बनाया जाना था मुख्यमंत्री

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राजस्थान की सियासी उथल-पुथल में सचिन पायलट और अजय माकन की अपरिपक्वता के कारण कांग्रेस की सारे देश में थू -थू हो रही है। राजस्थान के एक वरिष्ठ नेता ने विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर यह दावा किया था। कि 2 अक्टूबर को सचिन पायलट मुख्यमंत्री बना दिए जाएंगे। इस संबंध में हाईकमान से उनकी बात हो चुकी है। अब यह फैसला पलटने वाला नहीं है।
यह बात जब अन्य नेताओं के पास पहुंची। उसके बाद से ही राजनीतिक घटना चक्र शुरू हो गया। गहलोत कैंप सुरक्षात्मक हो गया। किसी भी कीमत में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनने देना चाहता था।
सचिन पायलट ने विधायकों के साथ सीधे बातचीत शुरू कर दी थी। इसमें दिल्ली से आए अजय माकन की भी सहभागिता होने के कारण मामले ने तूल पकड़ लिया।
गहलोत कैंप के विधायक बगावत की भूमिका में आ गए। जयपुर से निकलते समय जिस तरह से अजय माकन ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा। उससे भी उनकी मंशा खुलकर सामने आ गई है। कांग्रेस के नेता अपने-अपनेव्यक्तिगत लाभ हानि के लिए चौसर बिछाते हैं। इसके बुरे परिणाम कांग्रेस को भुगतना पडते हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाईकमान के संकटमोचक थे। उनके ऊपर गुजरात की जवाबदारी थी। गुजरात चुनाव के लिए आर्थिक पक्ष की जिम्मेदारी भी गहलोत पर थी। अजय माकन और सचिन पायलट की बचकानी हरकत से राजस्थान का संकट इतने बड़े पैमाने में बढ़ गया। राजस्थान की सरकार तक दांव पर लग गई है। वहीं गुजरात का चुनाव में दांव पर लग गया है।

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