20 करोड़ से कम टर्न ओवर वाले व्यापारी अंडर टेकिंग देकर बच सकते हैं ई-वे बिल के नए सिस्टम से

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जीएसटी के अंतर्गत माल परिवहन के लिए जारी होने वाले ई-वे बिल एवं ई-इनवॉइस के डाउनलोडिंग में सुरक्षा बढाने हेतु नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। इस व्यवस्था को टू फैक्टर आथन्टीकेशन (2एफए) का नाम दिया गया है। ऐसे व्यापारी जिनका बीते छह वर्षों में कभी टर्नओवर 20 करोड़ या ज्यादा रहा हो सभी पर यह नियम लागू हो गया है। नई व्यवस्था में ई-वे बिल डाउनलोड़ करने के लिए दो चरणों में सत्यापन करना होगा।

माना जा रहा है कि बोगस बिलों और बिना माल परिवहन के बोगस ई-वे बिल जारी कर कि जाने वाली टैक्स चोरी को रोकने के लिए दो चरणों वाली नई व्यवस्था लागू की गई है। कर सलाहकार आरएस गोयल के अनुसार, ऐसे व्यवसायी जिनका 1 जुलाई 2017 से लेकर वित्तीय वर्ष 2022-23 तक किसी भी वित्तीय वर्ष मे टर्नओवर 20 करोड या उससे अधिक हो गया है। ऐसे व्यवसायियों के द्वारा जारी किए जाने वाले ई-इनवाइस की सुरक्षा बढ़ाने हेतु 1 नवंबर 2023 से एक नई व्यवस्था लागू की गई है।

इसमें जैसे ही व्यवसायी ई-इनवाइस अथवा ई-वे बिल जनरेट करने के लिए ई-इनवाइस पोर्टल या ई-वे बिल पोर्टल पर लॉग इन करेंगे वैसे ही एक विंडो पॉपअप (पोर्टल पर एक सूचना दिखेगी) होगी। इसमें व्यवसायियों को 2 फैक्टर ऑथन्टीकेशन (2एफए) करने के लिए कहा जाएगा। इस विंडो मे यह दर्शाया गया है कि आप 2 फैक्टर ऑथन्टीकेशन का विकल्प लेकर निम्न 3 तरीकों से एसएमएस प्राप्त कर सकते है। व्यवसायी के रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर पर ओटीपी प्राप्त करना होगा। या फिर रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर गूगल प्ले स्टोर से संदेश एप इनस्टॉल करके उस एप पर ओटीपी प्राप्त किया जा सकता है।

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