भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच सेंचुरियन में चल रहे पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया करीब डेढ़ सौ रनों की लीड के साथ मजबूत स्थिति में है। भारतीय टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाने का श्रेय जाता है तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को, जिन्होंने पहली पारी में 44 रन देकर 5 विकेट लिए। साथ ही उन्होंने कैगिसो रबाडा को आउट कर टेस्ट क्रिकेट में अपने 200 विकेट भी पूरे किए। शमी ने सिर्फ 55वें मैच में ये मुकाम हासिल किया है। शमी ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद BCCI टीवी पर टीम के बॉलिंग कोच पारस म्हाम्ब्रे से खुलकर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपने संघर्ष और क्रिकेटिंग सफर को याद किया।
पिता और परिवार को सारा श्रेय
मोहम्मद शमी ने एक टेस्ट क्रिकेटर के रूप में मिली सफलता का श्रेय अपने पिता और अपने भाई को दिया है। शमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले के एक गांव सहसपुर अली नगर के रहने वाले हैं। उनका कहना है कि यह उनके परिवार का प्रोत्साहन था, जिसके कारण वह क्रिकेट में आगे बढ़ सके और अंततः 200 टेस्ट विकेट लेने वाले केवल पांचवें भारतीय तेज़ गेंदबाज़ बन गए। मोहम्मद शमी ने 200वां विकेट लेने के बाद आसमान की तरफ देखकर अपना हाथ हिलाया था। उन्होंने बताया कि इस तरह उन्होंने अपने पिता को याद दिया, जिनका साल 2017 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। शमी ने अपना 200वां विकेट भी पिता को समर्पित करते हुए कहा कि मैं आज जो कुछ भी हूं, वो अपने पिता की वजह से हूं।
शमी ने मैच के बाद प्रेस कांफ़्रेंस में बताया ” मैं अपनी सफलता के लिए अपने पिता को श्रेय देना चाहता हूं। मैं एक ऐसे गांव से आता हूँ, जहां आज भी कोई सुविधा नहीं है। खेलने के लिए मेरे पिता मुझे वहां से 30 किमी की यात्रा करने के लिए बार-बार प्रेरित करते थे, और कभी-कभी मेरे साथ भी जाते थे। वह हर संघर्ष में मेरे साथ रहे। मैं हमेशा अपने पिता और भाई को श्रेय देता हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया। और उन परिस्थितियों और उस स्थिति में खेलने में मेरी मदद की। अगर मैं आज यहां हूं, तो इसका श्रेय उन्हें जाता है।”
तेज गेंदबाजों का अहम रोल
भारतीय टीम ने हाल के वर्षों में टेस्ट मैचों में लगातार जीत दर्ज की है। इसके लिए भारतीय तेज गेंदबाजों को श्रेय दिया जाता है। भारतीय टीम की घातक तेज़ गेंदबाज़ी इकाई में मोहम्मद शमी को अहम हिस्सा माना जाता है। यह पूछे जाने पर कि उस समूह को बनाने का श्रेय किसका है, शमी ने कहा, “अगर भारत की तेज़ गेंदबाज़ी इतनी मज़बूत है, तो यह हमारे अपने कौशल के दम पर आई है, हम सब यहां अपनी ताक़त बनाकर आए हैं। आप कह सकते हैं कि यह पिछले 6-7 वर्षों में हमारे द्वारा की गई कड़ी मेहनत का परिणाम है।”
आपको बता दें कि मंगलवार को शमी का प्रदर्शन विशेष रूप से उल्लेखनीय था क्योंकि जब जसप्रीत बुमराह चोटिल होकर मैदान से बाहर हो गए थे, तो शमी ने ही दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों को टिकने का मौका नहीं दिया और लगातार गेंदबाजी कर दबाव बनाये रखा। संयोग से बुमराह अंततः मैदान पर लौटे और दक्षिण अफ़्रीका की पारी का अंतिम विकेट भी लिया।










































