वारासिवनी पुलिस ने 11 अप्रैल को षड्यंत्र के तहत गोवंश की सुपुर्दगी फर्जी खरीदी रसीद पर लेकर धोखाधड़ी करने के दर्ज मामले में 22 गौ तस्करों को गिरफ्तार कर वारासिवनी न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां से न्यायालय ने सभी को जेल भेज दिया बताया जा रहा है कि उक्त प्रकरण में करीब 37 आरोपी बनाए गए थे जिसमें से 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है वही 15 आरोपी फरार हैं। जिनकी सरगरा में इसे पतासाजी की जा रही है उक्त विषय को लेकर गौशाला व्यवस्थापक विनोद संचेती के द्वारा वर्ष 2019 में लिखित शिकायत दर्ज की गई थी जिस पर वर्ष 2022 में अपराध दर्ज किया गया था। जिसके अंतर्गत उक्त 22 आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है।
यह है मामला
एक षड्यंत्र के तहत गोवंश की सुपुर्दगी फर्जी खरीदी रसीद पर लेने की शिकायत व्यवस्थापक गोवंश सुरक्षा समिति वारासिवनी विनोद कुमार संचेती के द्वारा पुलिस अधीक्षक बालाघाट को शिकायत की गई थी कि गौ सेवकों के द्वारा बार-बार मवेशियों को कत्लखाने जाने से रोका जाता है। जिसे कुछ लोगों के द्वारा कोर्ट से सुपुर्दगी पर ले लिया जाता है और यह हर बार एक ही व्यक्ति होते हैं जिस पर जांच की जाये। जिसे लेकर पुलिस ने विनोद कुमार संचेती के द्वारा पुलिस को दस्तावेज दिए गए जिस पर पुलिस के द्वारा प्राप्त आवेदन पत्र मवेशी बिक्री पास रसीदे इकरारनामा की जाँच की गई। जिसके दौरान ग्राम पंचायत चागोटोला मऊ मवेशी बाजार के सरपंच श्रीमती शीला वैद्य सचिव हेमेन्द्र साकेत एवं रसीदो में उल्लेखित समस्त विक्रेतागणो के नाम फर्जी है। जिसपर संबंधित निवास की जांच के लिए संबंधित राशिदों में उल्लेखित निवास स्थान की ग्राम पंचायत प्रमाण पत्र एवं क्षेत्र की निर्वाचन सूची प्राप्त कर बयान लेकर यह निष्कर्ष निकला कि वारासिवनी बालाघाट वह अन्य क्षेत्र के लोगों के द्वारा आपराधिक षड्यंत्र रच कर फर्जी व कूटरचित मवेशी बिक्री पास की मालिकाना हक की रसीद तैयार कर रहे है। जो विद्वान न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर पशु क्रूरता अधिनियम और गोवंश वध प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत जप्त मवेशियों को फर्जी रसीदओं के आधार पर न्यायालय से सुपुर्दगी प्राप्त की है। इस दौरान यह भी पाया गया है कि उक्त लोगों का पूर्व में अपराधिक रिकॉर्ड रहा है। पुलिस ने शिकायतकर्ता गोवंश संरक्षण समिति वारासिवनी व्यवस्थापक विनोद कुमार संचेती की शिकायत पर 37 नामजद व अन्य लोगों के खिलाफ फर्जी रसीद पर सुपुर्दगी लेकर धोखाधड़ी करने के आरोप में भादवि की धारा 420 465 467 468 471 473 120 बी 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच में लिया था।
इन लोगों की हुई गिरफ्तारी
उक्त प्रकरण में वारासिवनी पुलिस ने नीलचंद पिता सोबतलाल नेताम उम्र 38 वर्ष निवासी गटापायली थाना वारासिवनी, राजेश पिता कुशल वाघाडे उम्र 30 वर्ष निवासी खापा थाना वारासिवनी, नितेश पिता किशनलाल वाघाडे उम्र 24 वर्ष निवासी खापा थाना वारासिवनी, विजेन्द्र पिता गनपत उके उम्र 42 वर्ष निवासी खण्डवा थाना वारासिवनी, अशोक पिता गेंदलाल बिसेन उम्र 50 वर्ष निवासी खण्डवा थाना वारासिवनी, सुखदास पिता झाडू बूरे उम्र 60 वर्ष निवासी खण्डवा थाना वारासिवनी, परमदास पिता ओझा मरठे उम्र 42 वर्ष निवासी खण्डवा थाना वारासिवनी, विजय पिता मिश्रीलाल पटले उम्र 38 वर्ष निवासी गटापायली थाना वारासिवनी, संजू पिता हरलाल राहंगडाले उम्र 40 वर्ष निवासी गटापायली थाना वारासिवनी, रोखीराम पिता गोविंदराम रामटेके उम्र 42 वर्ष निवासी कोपे थाना वारासिवनी, दुर्गाप्रसाद पिता गोरेलाल खरोले उम्र 42 वर्ष निवासी गटापायली थाना वारासिवनी, रूपेन्द्र पिता रामेश्वर पटले उम्र 39 वर्ष निवासी खण्डवा थाना वारासिवनी, रामदास पिता ओझा मरार उम्र 44 वर्ष निवासी खण्डवा थाना वारासिवनी, भदरू पिता भुरिया भूरे उम्र 45 वर्ष निवासी खण्डवा थाना वारासिवनी, जितेन्द्र पिता रामरतन मेश्राम उम्र 23 वर्ष निवासी खण्डवा थाना वारासिवनी, संदीप पिता दिलीप साकरे उम्र 20 वर्ष निवासी खापा थाना वारासिवनी, देवाजी पिता सुरजलाल उम्र 49 वर्ष निवासी खापा थाना वारासिवनी, काशीराम पिता झाडूदास बागडे उम्र 23 वर्ष निवासी खण्डवा थाना वारासिवनी, योगेन्द्र पिता गंगाराम सोनवाने उम्र 25 वर्ष निवासी हरदोली थाना तिरोडी, ब्रजलाल पिता ढेकल तुरकर जाति पवार उम्र 76 वर्ष निवासी खापा थाना वारासिवनी, रविन्द्र पिता शिवाजी कोहरी उम्र 35 वर्ष निवासी हरदोली थाना तिरोडी, जितेन्द्र पिता श्यामदास राठौर उम्र 23 वर्ष निवासी भाण्डी थाना वारासिवनी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया जहां से न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया।
थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान ने बताया कि वर्ष 2019 की शिकायत पर वर्ष 2022 में फर्जी रसीद बनाकर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत जप्त मवेशियों को छुड़ाए जाने के मामले में 37 आरोपियों के खिलाफ नामजद कार्यवाही करते हुए धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध किया गया था। जिसमें सभी आरोपी फरार थे उक्त प्रकरण में 22 आरोपियों को गिरफ्तार कर वारासिवनी न्यायालय के समक्ष पेश किया गया है जिन्हें न्यायालय ने जेल भेज दिया। वही इस प्रकरण में 15 आरोपी और फरार हैं जिनकी सरगर्मी से पतासाजी की जा रही है।