त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण प्रक्रिया को चुनौती देते हुए न्यायालय में लगाई गई याचिका पर शुक्रवार को न्यायालय द्वारा जो फैसला सुनाया गया है उसके अनुसार जिले के पंचायत स्तर के 2571 ओबीसी उम्मीदवारों की उम्मीदवारी पर संशय के बादल छा गए हैं।
न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश के बाद तो जैसे प्रदेश के साथ ही बालाघाट जिले के भीतर ओबीसी आरक्षित सीट के माध्यम से पंचायत चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वाले प्रत्याशियों के लिए एक नई परेशानी खड़ी हो गई।
आपको बता दें कि न्यायालय द्वारा ओबीसी के आरक्षण को स्थगित करते हुए वर्ष 2014 में जारी की गई ओबीसी आरक्षित सीट को सामान्य सीट घोषित कर दिया गया है जिसके बाद ओबीसी आरक्षण के माध्यम से पंचायत जिला पंचायत जनपद पंचायत तक पहुंचने का ख्वाब सजा रहे प्रत्याशियों के आगे अब सामान्य सीट मतलब सभी वर्ग के प्रत्याशियों से चुनावी भिड़ंत करने की बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है।
चलिए आंकड़ों पर गौर करते हैं, बालाघाट जिले के भीतर 10 जनपद पंचायत में कुल 27 जिला पंचायत सदस्य में 6 ओबीसी के लिए आरक्षित थे। 220 जनपद सदस्य 49 ओबीसी के लिए आरक्षित सीट थी इसी तरह जिले की 690 पंचायत में से 129 पंचायतें ओबीसी के लिए आरक्षित रखी गई थी वही इन 690 पंचायतों के 12366 पंचों के पदों में से 2387 पंचो के पद ओबीसी के लिए आरक्षित किए गए थे इन आंकड़ों के अनुसार ओबीसी के लिए 2571 पद आरक्षित किए गए थे।
न्यायालय के आदेश के बाद इन सभी ओबीसी आरक्षित पदों के लिए नए आदेश का ओबीसी के प्रत्याशी के साथ ही अन्य प्रत्याशियों को भी इंतजार रहेगा।