गाड़ी चलाने के लिए जरूरी है कि हमारे पास लाइसेंस हो, अगर आप बिना लाइसेंस के गाड़ी सड़कों पर दौड़ाएंगे तो यह गैरकानूनी माना जाएगा। इसलिए सरकार की तरफ से आपको गाड़ी चलाने का एक परमिट दिया जाता है, और यह परमिट सरकार द्वारा पूछे गए प्रश्नों के सही जवाब के बाद मिलता है। इसका मतलब यह है कि गाड़ी का लाइसेंस प्राप्त करने के लिए एक टेस्ट से गुजरना पड़ता है और उस टेस्ट में पास होने के बाद आपको गाड़ी का लाइसेंस दिया जाता है। बहुत से लोग कई बार इस टेस्ट को देते तो हैं लेकिन जब वह इसमें सफल नहीं हो पाते हैं तो फिर वह टेस्ट देना भी छोड़ देते हैं। लेकिन ब्रिटेन की एक 47 वर्षीय महिला ने कई मरतबा असफल होने के बाद भी कानूनी रूप से ड्राइवर बनने की ठानी है।
इसाबेल स्टेडमैन ने 17 साल से भी कम उम्र में पहली बार ड्राइविंग की थी। तब से लगभग 30 सालों के बाद उसने 1,000 ड्राइविंग सबक सीखी हैं लेकिन अभी तक अपना ड्राइविंग का टेस्ट पास नहीं कर पाईं। इसका कारण यह है कि जब भी वह अपनी गाड़ी स्टीयरिंग की मदद से पीछे करती हैं तो बेहोश हो जाती हैं। इसाबेल का कहना है कि उसने ड्राइविंग टेस्ट पर 10 हजार डाॅलर तक खर्च कर दिए हैं। लेकिन वह अभी तक इस टेस्ट को पास नहीं कर पाई है। वह बहुत कोशिश करती है लेकिन हर बार गाड़ी रिवर्स के कारण घबरा जाती है और चिंतित हो जाती है।
असल में इसाबेल को एक फोबिया है और यह तब चरम पर पहुंच जाता है जब वो कार में गोल चक्कर लगाती हैं। अब तक इसाबेल सात अलग-अलग प्रशिक्षकों के माध्यम से कार ड्राइविंग सीखने की कोशिश कर चुकी हैं लेकिन हर बार उन्हें निराश होकर घर जाना पड़ता है। इसाबेल ने कहा कि ‘‘जब भी मैं ड्राइविंग सीट पर बैठती हूॅं तो मुझे लगता है कि मैं यह कर सकती हॅूं, लेकिन कुछ सेकंड बाद ही आंखों में आंसू आ जाते हैं और सामने अंधेरा छा जाता है। आपको बतादें कि डाॅक्टर इसाबेल की फोबिया के बारे में सही से कुछ नहीं बता पा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर इसाबेल भी ड्राइविंग करने के लिए आतुर हैं ताकि वह उस कार से अपनी बेटी को काॅलेज ले जा सके और दूर रहने वाले अपने रिश्तेदारों से भी मिल सके।