शासन द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने विशेष जोर दिया जा रहा है लेकिन विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण ऐसे स्थान जहां लोग घूमने के लिए जाते हैं उन स्थलों के आवश्यक रखरखाव एवं सुरक्षा की ओर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
जिला मुख्यालय में एक ऐसा ही स्पॉट वैनगंगा नदी से लगा बॉटनिकल गार्डन है जहां पर रोजाना ही सैकड़ों की संख्या में लोग घूमने के लिए जाते हैं बॉटनिकल गार्डन में असामाजिक तत्वों के पहुंचने की जानकारी कई बार संज्ञान में आई है उसके बावजूद भी वन विभाग द्वारा अभी तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए।

आपको बताये की 1 दिन पूर्व ही बॉटनिकल गार्डन में एक बड़ी घटना होते-होते टली है, करीब आधा दर्जन युवकों द्वारा एक युगल जोड़े को रोककर परेशान किया गया। यह कोई नई घटना नहीं है इससे पहले भी धमकाने चमकाने जैसी घटनाएं हो चुकी है, अगर यहां सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था हो जाए तो ऐसे लोग कैमरे में कैद हो जाएंगे और उन असामाजिक तत्वों को पुलिस द्वारा पकड़ा जा सकता है।
जैसे ही बॉटनिकल गार्डन में प्रवेश किया जाता है सामने ही बोर्ड में लिखा हुआ है आप सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है लेकिन वास्तविकता यह है कि पूरे बॉटनिकल गार्डन के अंदर कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। इससे यही प्रतीत होता है कि वन विभाग द्वारा यह सिर्फ लोगों को सचेत करने के लिए और चमकाने की मंशा से लिखा गया है, जबकि ऐसे स्थानों में सीसीटीवी कैमरे लगा होना अत्यंत ही आवश्यक है ऐसे स्थानों में लूटपात, छेड़खानी जैसी घटनाएं होने की संभावना बनी रहती है।
इस बॉटनिकल गार्डन में एक वन कर्मचारी और 4 स्थाई कर्मी की पदस्थापना है जिनके भरोसे 47 हेक्टेयर में फैले इस पूरे गार्डन की जिम्मेदारी है। जिस तरह से इस गार्डन में विगत 8-10 दिनों से असामाजिक तत्वों के पहुंचने की जानकारी सामने आ रही है उसको देखते हुए और दो वन कर्मचारियों की पदस्थापना की जानी चाहिए।
इसके संबंध में मोबाइल पर चर्चा करने पर सीसीएफ नरेंद्र सनोडिया ने बताया कि अगर बॉटनिकल गार्डन में असामाजिक तत्व पहुंच रहे हैं और वहां आने वालों को परेशान कर रहे हैं तो हमारे द्वारा एक-दो दिन में ही बॉटनिकल गार्डन का निरीक्षण किया जाएगा और अगर वहां फेंसिंग क्षतिग्रस्त होने या अन्य कोई समस्या है तो उसका भी अवलोकन किया जाएगा। बॉटनिकल गार्डन को अच्छा बनाने हर संभव प्रयास किए जाएंगे।