4 वर्षों से पूरा नही हो पाया पुल का निर्माण,वैनगंगा में आई बाढ़ पुल की बढ़ी ऊंचाई रुक का निर्माण !

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ग्राम कुम्हारी और धपेरा के बीच उच्च स्तरीय पुल का निर्माण विगत 4 वर्षों से किया जा रहा है लेकिन उसका कार्य अभी भी पूर्ण नहीं हो पाया। यह पुल नहीं होने से ग्राम मोहगांव धपेरा की जनता को बालाघाट मुख्यालय आने में करीब 20 से 25 किलोमीटर का फेरा पड़ता है।

आपको बताये कि अगर यह पुल बन जाता है तो क्षेत्र की जनता पर अतिरिक्त आर्थिक भार नहीं पड़ेगा और कम समय में जनता बालाघाट पहुंच जाएगी। क्षेत्र की जनता द्वारा यह पुल बनने का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।

चलिए पुल निर्माण से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आपको बता देते हैं 2 मई वर्ष 2018 को इस पुल के निर्माण का कार्य आदेश हुआ था, 8 अक्टूबर 2018 से पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ था। इस पुल का निर्माण 16 करोड़ 77 लाख की लागत से किया जा रहा था, काफी निर्माण हो जाने के बाद वैनगंगा नदी में अगस्त 2020 में काफी बाढ़ आई जिसने इस पुल का स्वरूप बदलने को विवश कर दिया। बाढ़ अधिक आने के कारण जो स्थिति देखी गई उसके बाद पुल निर्माण के काम को रुकवा दिया गया था और उस पुल का दोबारा से परीक्षण किया गया। यह परीक्षण ब्रिज विभाग के मुख्य अभियंता संजय मस्के द्वारा किया गया और दोबारा प्रस्ताव पुल निर्माण का भेजा गया, जिस पर इस पुल की दोबारा स्वीकृति मिली और जून 2021 से इसका कार्य पुनः प्रारंभ हुआ।

दोबारा जो प्रस्ताव गया उसमें एक्स्ट्रा ब्रैकेट और पियर बढ़ गये। ब्रेकेट इसलिए बनाए जा रहे हैं क्योंकि नदी में बाढ़ आने की स्थिति में ब्रैकेट पुल को क्षतिग्रस्त होने से रोकने का काम करेंगे। यहां 44 ब्रैकेट बनाए जा रहे हैं अभी तक 10 ब्रैकेट का काम हो चुका है और इसका कार्य जारी है। यह भी बताये कि इस नए प्रस्ताव में 5 करोड़ 22 लाख रुपये की राशि बढ़ी है इस तरह इस पुल की लागत अब 21 करोड़ 99 लाख हो गई है।

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