नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले चार साल में नेशनल मोनेटाइजेशन पाइप लाइन के जरिए 6 लाख करोड़ रुपये जुटाने का प्लान पेश कर दिया है। इसके तहत अकेले रेलवे से 1,52,496 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। जो कि कुल रकम का 26 फीसदी है। जाहिर है सरकार रेलवे के जरिए बड़ी कमाई करना चाहती है। नीति आयोग ने इसके तहत जो प्लान तैयार किया है, उसके अनुसार 400 रेलवे स्टेशन, 90 पैंसेजर ट्रेन, चार पहाड़ पर मौजूद रेलवे, कोंकण रेलवे, 15 स्टेडियम, 673 किलोमीटर के डेडिकेट फ्रेट कॉरीडोर, 265 गुड शेड्स और 1400 किलोमीटर लंबे ओवर हेड इक्वीपमेंट से कमाई करने की तैयारी है। इनके जरिए सरकार अगले 4 साल में रेलवे से 1.50 लाख करोड़ जुटाने का प्लान कर रही है।
कौन सी संपत्ति का मोनेटाइजेशन
संपत्ति | 2021-22 | 2022-23 | 2023-23 | 2024-25 | कुल |
रेलवे स्टेशन रिडवेलपमेंट | 40 | 120 | 120 | 120 | 400 स्टेशन |
पैंसेजर ट्रेन | 30 | 30 | 30 | 90 ट्रेन | |
ट्रैक-ओएचई आईएवीआईटी | 1400 किमी | 1400 किमी | |||
गुड शेड्स | 75 | 100 | 90 | 265 | |
कोंकण रेलवे | 741 किमी | 741 किमी | |||
पहाड़ के रेलवे | 2 | 2 | 4 | ||
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर | 337 किमी | 337 किमी | 674 किमी | ||
रेलवे स्टेडियम | 3 | 5 | 5 | 2 | 15 |
रेलवे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन आर.एन.मल्होत्रा ने टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल को बताया “देखिए यह एक महत्वाकांक्षी योजना है। अगर आपको मोनेटाइजेशन के जरिए पैसा जुटाना है, तो उसे प्राइवेट सेक्टर के लिए आकर्षक बनाना होगा। प्राइवेट ट्रेन चलाने के मामले में हम देख चुके हैं कि दोबारा टेंडर निकालना पड़ा। क्योंकि नियम और शर्तें प्राइवेट सेक्टर को आकर्षक नहीं लगीं। ऐसे में हमें इस लक्ष्य को पाने के लिए काफी विशेषज्ञता की जरूरत पड़ेगी। जिससे प्राइवेट सेक्टर को कमाई का भरोसा हो सके। जहां तक विपक्ष के निजीकरण के आरोपों की बात है तो सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा।”