शहर के भीतर खस्ताहाल सड़कों की हालत को देखते हुए शासन द्वारा इसके सुधार का का कार्य कराए जाने की योजना बनाई गई है जिसमें गौरव पथ, पॉलिटेक्निक चौराहा से गायखुरी और दूसरी और पॉलिटेक्निक चौराहा से मृत्युंजय घाट वही हनुमान चौक से स्टेशन पहुंच मार्ग सड़क का कायाकल्प करवाया जाएगा।
चलिए पहले आपको सड़कों की मरम्मत नवीन निर्माण कार्य के विषय में विस्तार से जानकारी दे देते हैं। दरअसल 2014-15 में बने गौरव पथ की खस्ता हालत किसी से छुपी नहीं है। इस सड़क में भ्रष्टाचार और अनियमितता की पोल रोजाना खुलते दिखाई देती है। शासन द्वारा इस पूरे मामले पर एक बार फिर पर्दा डालने के लिए 4 करोड़ 15 लाख रुपए में जय स्तंभ से अंबेडकर चौक- अंबेडकर चौक से मोती तालाब चौक और मोती तालाब चौक से एक और पॉलिटेक्निक चौराहा तो दूसरी और बर्फ फैक्ट्री के रास्ते राधाकृष्णन चौक रेलवे पटरी तक मरम्मत कार्य करवाया जाएगा। जिसका कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा करवाया जाएगा।
इसी तरह पॉलिटेक्निक चौराहा से जाने वाली 2 सड़कें मृत्युंजय घाट तो दूसरी गायखुरी पहुंच मार्ग का मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्य होगा जिसमें गायखुरी पहुंच मार्ग दूरी 15 मीटर सड़क का मरम्मत कार्य और चौड़ीकरण 32 लाख रुपए में किया जाएगा।
पॉलिटेक्निक चौराहा से मृत्युंजय घाट दूरी 700 मीटर सड़क का रिन्यूअल और चौड़ीकरण के साथ ही हनुमान चौक से लेकर स्टेशन पहुंच मार्ग दूरी 450 मीटर इस सड़क पर डिवाइडर निर्माण कार्य भी किया जाना है। जिसकी लागत एक करोड़ 82 लाख रुपए रखी गई है। जिसका निर्माण कार्य नगर पालिका द्वारा करवाया जाएगा।
चलिए यह तो बात हुई कि कैसे आगामी दिनों में आपको और हमको शहर वासियों को इन सड़कों से गुजरने के दौरान परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस दौरान मुद्दे की बात यह है कि गौरव पथ की हालत किसी से छुपी नहीं है दरअसल गौरव पथ निर्माण के दौरान इस बात का ध्यान ही रखा गया कि गौरव पथ सड़क के नीचे से नगरपालिका की पाइपलाइन गई हुई है जब भी कोई भारी वाहन यहां से गुजरता है यह पाइप लाइन टूट जाती है। यही नहीं गौरव पथ सड़क पर अंबेडकर चौक से लेकर मोती तालाब चौक और मोती तालाब चौक से लेकर पॉलिटेक्निक चौराहा तक पानी निकासी की बेहतर व्यवस्था नहीं है। नतीजा सड़क थोड़ी सी बारिश में तालाब बन जाती है। सड़क के क्या हालात हैं आप हमसे बेहतर कोई नहीं जानता।
तो मन में सवाल यही उठता है कि क्या शासन इस सड़क के रिन्यूअल के लिए मतलब मरम्मत के लिए 4 करोड़ 15 लाख रुपया खर्च करने जा रही है। तो क्या यह पैसा सही जगह खर्च हो रहा है, या फिर इस पैसे के खर्च करने के बाद सड़क के नीचे की पाइप लाइन नहीं टूटेगी और वर्तमान में हो रही परेशानी दूर हो जाएगी।
अगर ऐसा नहीं है तो फिर समझ लीजिए कि पैसा सड़क के नीचे की पाइप से निकलने वाले पानी और बारिश के बाद भरने वाले पानी में बह जाएगा।