बालाघाट/ 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में एक आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। यह आरोपी अमीर दास पिता तुसेलाल कावरे 34 साल ग्राम नेवरवाही थाना लांजी निवासी है। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश श्रीमती नोशीन खान की अदालत ने इस आरोपी को आजीवन कारावास के अलावा 5000 रुपये अर्थदंड से भी दंडित किए हैं। इस मामले की पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डहेरिया के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती आरती कपले द्वारा की गई थी।
अभियोजन के अनुसार इस मासूम बच्ची के माता-पिता हैदराबाद में मजदूरी करते थे। यह बच्ची अपनी भाई के साथ अपनी दादी के पास रहती थी। 11 नवंबर 2022 को 11:00 बजे इन बच्चों को उनकी दादी घर में छोड़कर अनाज लेने सोसायटी गई थी। 1:00 बजे जब वह वापस आई तो आंगन में उसका छोटा नाती, बच्चों के साथ खेल रहा था। उसकी नातन घर में नहीं थी। नाती से पूछने पर उसने बताया कि एक आदमी उसे जंगल तरफ ले गया है। इस बच्ची को उसकी दादी ने मोहल्ले पड़ोस में खोजबीन की किन्तु वह कही नहीं मिली । पड़ोस की एक महिला ने उसे बताई की उसने बच्ची को अमीर दास कावरे को जंगल तरफ ले जाती हुई देखी है। तब बच्ची की दादी उसे जंगल तरफ खोजने के लिए गई।2:30 बजे एक व्यक्ति नेउसे फोन करके उसे बताया कि बच्ची घर आ गई है। आंगन में बच्ची रो रही थी। पूछताछ करने पर उसने अमीरदास। कावरे के द्वारा जंगल में ले जाकर टूटे मकान के पास झाड़ी में उसके साथ दुष्कर्म करने के संबंध में बताई। तब इस बच्ची की दादी ने घटना के संबंध में सरपंच और मोहल्ले वाले को बताई और लांजी थाना पहुंचकर रिपोर्ट की थी। लांजी पुलिस ने इस मामले में अमीर दास कावरे के विरुद्ध 363 376 ए बी भादवि और धारा 5(एम)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज करके इस अपराध में अमीरदास कावरे को गिरफ्तार किये और विवेचना अनुसंधान उपरांत विद्वान अदालत में अभियोग पत्र पेश किया गया था। लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश श्रीमती नौशीन खान की अदालत में चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोपी अमीरदास कावरे के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरुप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी अमीरदास कावरे को धारा 363 भादवि के तहत अपराध में 5 वर्ष का कठोर कारावास और 1000 रूपये अर्थदड ,धारा5(एम)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 4000रुपये अर्थदंड से दंडित किये।