क्षेत्र भारी बारिश के चलते प्रदेश के मुरैना और भिंड जिले के 61 गांव बाढ़ में घिर गए हैं। चंबल नदी खतरे के निशान से सात मीटर ऊपर बह रही है। राहत और बचाव में केंद्र और राज्य दोनों के आपदा बल जुटे हैं। सेना के तीन हेलिकाप्टरों से बाढ़ में घिरे गांवों से व्यक्तियों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कल मंत्रालय स्थित सिचुएशन रूम से प्रदेश में वर्षा की वर्तमान स्थिति, चंबल बेसिन में बाढ़ और राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित एक-एक व्यक्ति को सुरक्षित निकालना हमारी प्राथमिकता है। मुरैना कलेक्टर बक्की कार्तिकेयन ने बताया कि चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ा है और स्थिति को देखते हुए व्यवस्थाएं की गई हैं। श्योपुर कलेक्टर शिवम वर्मा और भिंड कलेक्टर शैलेंद्र चौहान से भी मुख्यमंत्री ने जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के लिए भोजन और पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करें। प्राथमिकता के आधार पर प्रभावित व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं। आमजन से अपील करें कि कोई भी चंबल बेसिन में न जाए। अपर मुख्य सचिव गृह डा. राजेश राजौरा ने बताया कि मुरैना में दो राष्ट्रीय और नौ राज्य आपदा बल की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं। भिंड में सात राज्य आपदा बल की टीम तैनात हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ और अतिवर्षा से प्रभावित जिलों में साफ-सफाई, पेयजल और बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ स्वास्थ्य परीक्षण कराना बड़ी चुनौती है।फसलें खराब हुई हैं। इसके लिए कलेक्टरों को सर्वे करके आकलन करने के निर्देश दिए हैं, ताकि आर्थिक सहायता जल्द उपलब्ध कराई जा सके। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर डूबे हुए हैं। सब-स्टेशनों में पानी भरा है। घरों में पानी भर जाने के कारण कई ध्वस्त हो गए हैं। कई रहने लायक नहीं रह गए हैं। सड़क, पुल, पुलिया प्रभावित हुए हैं।










































