7 वर्षीय बालक के अपहरण मामले मे 4 आरोपी गिरफ्तार

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बालाघाट(पद्मेश न्यूज़)। शुक्रवार की शाम वारासिवनी से एक प्रॉपर्टी डीलर के 7 वर्षीय बच्चे का अपहरण करने वाले मामले का खुलासा करते हुए, पुलिस ने मामले में लिप्त चार अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. जिसमे   अपहरण की मास्टरमाइंड  सहित एक नाबालिग आरोपी का भी समावेश है. प्रारंभिक पूछताछ में अपहरणकर्ताओं ने 25, 000 00 की फिरौती मांगने के लिए बच्चे का अपहरण किए जाने की बात स्वीकार की है. वही पुलिस,गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों से मामले को लेकर लगाता पूछताछ कर रही है. जिससे अन्य खुलासे होने की भी बात कही जा रही है.फिलहाल बच्चे के अपहरण करने वाले इस मामले में पुलिस ने भादवि धारा 363, 365 सहित   अपहरण की धारा 362(ए )के तहत मामला दर्ज कर लिया है. वह जहां पुलिस, आरोपियों के अपराधिक रिकॉर्ड तलाश रही है।
आरोपियों में इनका समावेश
7 वर्षीय बालक दक्ष का अपहरण किए जाने वाले इस मामले में पुलिस ने अपहरण की साजिश में शामिल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से अपहरण में उपयोग में लाई गई दो मोटरसाइकिल और तीन मोबाइल जप्त किए गए हैं.इस मामले की मास्टरमाइंड वारासिवनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम सरण्डी की एक 23 वर्षीय युवती बताई जा रही है. जिसने अपहरण की   पूरी प्लानिंग की थी. जहां मामले में पुलिस ने वारासिवनी थाना ग्राम सरण्डी  निवासी 23 वर्षीय हेमलता उर्फ पायल पिता धनीराम राहंगडाले, पायल के दोस्त थाना हट्टा ग्राम बूढ़ी निवासी 22 वर्षीय आकाश उर्फ अमन पिता सुखचंद बिसेन,किरनापुर थाना ग्राम मर्री निवासी उसके साथी 19 वर्षीय कृष्णा पिता बेगलाल पटले और हट्टा थाना ग्राम बूढी निवासी 15 वर्षीय एक नाबालिग बालक का समावेश है, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
 हेमलता उर्फ पायल रहागडाले हैं साजिश की मास्टरमाइंड
 बताया जा रहा है कि वारासिवनी से जिस बालक दक्ष का अपहरण किया गया था. उस बालक के पिता मूलत: वारासिवनी थाना क्षेत्र के ग्राम सरण्डी निवासी है. वहीं पर पैसों के लालच में दक्ष का अपहरण करने की स्क्रिप्ट उसी गांव में रहने वाली हेमलता उर्फ पायल रहगडाले ने तैयार की थी. बताया जा रहा है कि आरोपी पायल राहंगडाले और दक्ष के पिता ईश्वरी गौतम के परिवार से अच्छे संबंध थे.जहां पायल के माता पिता अक्सर ईश्वरी गौतम से पैसे उधार मांगते रहते थे. हालांकि पायल के माता-पिता उधार लिया पैसा लौटा भी देते थे. पायल को पता था कि ईश्वरी गौतम पैसे वाली पार्टी है. इसी बात का फायदा उठाते हुए उसने ईश्वरी के पुत्र दक्ष के अपरहण की स्क्रिप्ट तैयार की और बच्चे का अपहरण कर उनसे ईश्वरी गौतम से 25 लाख रुपए की फिरौती मांगने का प्लान बनाया था.जिसने  पैसों के लालच में हट्टा बूढी निवासी अपने मित्र आकाश उर्फ अमन बिसेन के साथ फिरौती मांगने की योजना बनाई. इस पूरी योजना में आकाश ने किरनापुर के ग्राम मुर्री निवासी कृष्ण पटले और हट्टा बूढ़ी के एक 15 वर्षीय नाबालिग बालक को भी प्लान में शामिल कर लिया. जहां पायल के इशारों पर ही आकाश उर्फ अमन और नाबालिग बालक पहले तो पायल द्वारा बताई गई जानकारी के अनुसार बच्चे के अपहरण करने के लिए रेकी की, वहीं पायल की बताई जानकारी के अनुसार बच्चों से दोस्ती बढ़ाई और रेस लगाने के बहाने उसका अपहरण कर लिया।
नागपुर ले जाकर फिरौती मांगने की फिराक में थे अपहरणकर्ता
बताया जा रहा है कि बच्चे के अपहरण करने के बाद अपहरणकर्ताओं बच्चे को हट्टा के किसी जंगल में लेकर गए थे.जहां से उसे नागपुर ले जाकर नागपुर से दक्ष के पिता को फोन कर उन्होंने 25 लाख रुपए की फिरौती मांगने का प्लान बनाया गया था. लेकिन अपहरण के तुरंत बाद सोशल मीडिया सहित अन्य प्लेटफार्म में बच्चे के अपहरण होने की खबर सीसीटीवी फुटेज सहित जारी कर दी गई.वही पुलिस भी जगह-जगह नाकाबंदी कर आरोपियो की तलाश में जुट गई थी.जिससे आरोपी घबरा गए और उन्होंने बच्चे को बैहर रोड स्थित भरवेली थाने के पास छोड़ दिया और भाग गए. उधर बच्चे को रोता बिलखता  देख, भरवेली निवासी मिस्त्री यूनुस खान और प्रियंका नागेश्वर नामक युवती ने बच्चे की जानकारी लेकर उसे भरवेली थाने ले गए, जहां से पुलिस ने बच्चे को दस्तयाब कर लिया।
आरोपियों का क्रिमिनल रिकॉर्ड तलाश रही पुलिस
बताया जा रहा है कि अपहरण की साजिश रचने वाली युवती वारासिवनी के एक प्राइवेट अस्पताल में काम करती है जो लगातार अपहरण की साजिश में शामिल उनके दोस्त और उनके सहयोगियों से संपर्क में थी. जब आकाश और उसका नाबालिग दोस्त ने बच्चे का अपहरण कर लिया, तो  अपरहरणकर्ताओं ने इसकी जानकारी पायल को दी जिसे हट्टा क्षेत्र बुलाया था. जो दक्ष को लेकर नागपुर भागने के प्लान में थे, जहां आरोपियों ने नागपुर पहुंचकर बच्चे के पिता से 25 लाख रु की फिरौती मांगने की योजना बनाई थी. लेकिन उसके पहले ही वें पुलिस के हत्थे चढ़ गए. बताया जा रहा है कि पुलिस को पहले ही आरोपियों की भनक लग गई थी,लेकिन वह बच्चे दस्तयाब करने के पहले आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रहे थे, जब बच्चे को पुलिस ने दस्तयाब कर लिया, उसके बाद उन्होंने अलग-अलग जगहों से आरोपियों को गिरफ्तार किया. फिलहाल पुलिस, अपहरण की इस साजिश मे शामिल सभी आरोपियों के क्रिमिनल रिकॉर्ड तलाशने में जुटी है. बताया जा रहा है कि अब तक की गई जांच में अपरहरणकर्ताओं  का कोई पिछला रिकॉर्ड नहीं मिला है।

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