70 साल बाद दोबारा दिखेगा चीता जल्द नामीबिया से आएंगे भारत

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दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला प्राणी चीता जल्द भारत में भी दिखेगा। देश में विलुप्त हो चुके चीतों को वापस लाने के लिए भारत ने नामीबिया के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत अगले महीने नामीबिया से आठ चीते भारत लाए जाएंगे, जिनमें चार नर और चार मादा होंगे। ये चीते मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान पहुंचाए जाएंगे। भारत यात्रा पर आई नामीबिया की उप-राष्ट्रपति नानगली म्बुम्बा और केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव ने बुधवार को इस बाबत एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत भारतीय वन्य जीव महकमे के कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जबकि भारत वन्य जीव संरक्षण के दूसरे क्षेत्रों में नामीबिया को मदद करेगा। पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि नामीबिया के अलावा दक्षिण अफ्रीका से भी चीते लाए जाएंगे। अगले पांच साल में अफ्रीकी देशों से कुल 30 चीते लाने की योजना सरकार की है। उद्यान पर्यावरण मंत्रालय ने बताया कि 2010-12 में कई प्राणी उद्यानों का अध्ययन करने के बाद मध्यप्रदेश के श्योर जिले स्थित कुनो उद्यान को चीतों के लिए सबसे उपयुक्त पाया। यहां गिर से लाकर कुछ एशियाई शेरों को भी बसाया गया है। इसलिए यही चीतों को भी बसाया जाएगा। इसके बाद दूसरे उद्यानों में भेजा जाएगा। यहां 36 चीते रखे जा सकते हैं। देश में अफ्रीका से चीते लाकर बसाने की योजना 2012 में बनी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना पर रोक लगा दी थी, लेकिन करीब सात साल से भी अधिक समय के बाद 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक हटा दी और सरकार को अफ्रीकी देशों से चीते लाकर कुनो में बसाने की अनुमति दे दी। चीतों की देखभाल का जिम्मा राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा किया जाएगा।

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