राशन दुकानों में काम करने वाले सहकारी कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारी घोषित करने, उन्हें भी सरकारी कर्मचारियों की तरह वेतन और सुख-सुविधायें देने और समिति के सहायक प्रबंधकों को प्रबंधक बनाए जाने की प्रमुख मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए सहकारी कर्मचारियो की पिछले 8 दिनों से हड़ताल जारी है। जहां जनपद पंचायत बालाघाट कार्यालय के सामने जारी इस हड़ताल को 8 दिन बीत जाने के बावजूद भी अब तक उनकी मांगों पर सहमति नहीं बन पाई है। जिसको लेकर गुरुवार को हड़ताली कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। जहां उन्होंने उनकी अन्य मांगो सहित प्रमुख दो सूत्रीय मांगों को यथाशीघ्र पूरी किए जाने की गुहार लगाई है ।
ना ग्रामीण किसानों को मिल रहा राशन ना खाद, अन्य कार्य भी प्रभावित
वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सहकारी कर्मचारी प्रदेश सरकार से खासा नाराज हैं।जिन्होंने आवेदन निवेदन और कई बार हड़ताल धरना प्रदर्शन करने के बावजूद भी मांग पूरी ना होने पर जनपद पंचायत भवन के सामने 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। सहकारी समिति कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने और सोसाइटी में ताला जड़ने के कारण ग्रामीण किसानों को राशन खाद सहित अन्य सामग्री नहीं मिल पा रही है वहीं किसानों को ऋण वितरण और समितियों को कंप्यूटराइज करने के कार्य पूरी तरह से ठप हो गए है। वहीं कर्मचारी, बिना मांगों को सरकार के माने बिन वापस लौटने तैयार नहीं है। पिछले दिनों प्रदेश प्रतिनिधिमंडल से सरकार की वार्ता भी बेनतीजा रही।जिसके चलते उनकी हड़ताल जारी है।गौरतलब हो कि 16अगस्त से जिले के सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर जिले की सभी 126 सहकारी समिति में ताले लग गए है।जहा सहायक प्रबंधक से लेकर चपरासी तक अमला,अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया है।
आवेदन निवेदन का भी नहीं हो रहा असर
ज्ञात हो कि विगत 11 जनवरी को मप्र सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने एक दिवसीय सामूहिक हड़ताल कर प्रशासन के माध्यम से शासन को चेताया था कि यदि 15 अगस्त तक सरकार सहकारी सोसाइटी कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारी की तरह दर्जा और सुख-सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर कोई निर्णय नहीं लेती है तो 16 अगस्त से समितियों को बंद कर कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएगे।जिनकी इस चेतावनी का भी सरकार पर कोई असर नही पड़ा जिसके चलते इन कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है।बताया जा रहा है कि एकदिवसीय हड़ताल के बाद सहकारी कर्मचारी संघ के बैनर तले अपनी इन मांगों को लेकर कई बार आवेदन निवेदन किया है लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई ।जिसके चलते उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला किया और 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। जो 8 दिन भी जाने के बाद भी जारी है।
महापंचायत बुलाकर मांग पूरी करने की लगाई गुहार
पिछले 8 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे सहकारी कर्मचारी ने अन्य संगठनों की तरह सहकारी कर्मचारी के संगठन को भी भोपाल बुलाकर, महापंचायत का आयोजन करने और उसे महापंचायत के माध्यम से सहकारी कर्मचारी की मांगों को पूरा किए जाने की गुहार लगाई है।हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि हर बार हमारे आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार ने आश्वासन दिया, लेकिन उसे अब तक पूरा नहीं किया। हम चाहते है कि शासकीय कर्मचारियों की तरह सहकारी समिति कर्मचारियों को वेतन और सुख-सुविधा दी जाए।सरकार जब रसोईयां, रोजगार सहायक, आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ता और अन्य कर्मचारियों की महापंचायत बुलाकर उनकी समस्याओं का निराकरण कर सकती है तो सहकारी समिति कर्मचारियों की महापंचायत क्यों नहीं बुलाई जा रही है। सरकार, सहकारी कर्मचारियों की महापंचायत बुलाकर उनकी समस्याओं का निराकरण करें, ताकि हम अपनी हड़ताल को खत्म कर सके।
जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक जारी रहेगी हड़ताल- पीसी चौहान
सहकारी कर्मचारी द्वारा की जा रही इस हड़ताल को लेकर की गई चर्चा के दौरान मध्यप्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी महा संघ जिलाध्यक्ष पीसी चौहान ने बताया कि सहकारी समिति कर्मचारियों की एकमात्र मांग है कि सहकारी समिति कर्मचारियों की तरह वेतन और सुख- सुविधाए दी जाए और सहायक प्रबंधको को प्रबंधक बनाया जाए ।जिसको लेकर गत दिवस
प्रतिनिधिमंडल की सरकार से चर्चा हुई, लेकिन कर्मचारियों हितों में वह चर्चा नहीं होने पर आंदोलन को यथावत जारी रखा गया है। आज हमारी हड़ताल का आठवां दिन है हमारे प्रतिनिधि मंडल ने शासन के प्रति निधिमंडल से बातचीत की है वहीं संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर उन्हें अपनी मांगों का प्रपोजल दिया है। जिस पर सुनवाई होना बाकी है। अज्ञात सूत्रों से सूचना मिल रही है कि हमें कोई सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। लेकिन जब तक हमारी मांगो को लेकर कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिल जाता। तब तक हमारी यहां हड़ताल जारी रहेगी।