बालाघाट सिवनी सांसद भारती पारधी द्वारा चल रहे सदन के सत्र में बालाघाट रेलवे के मुद्दे को उठाते हुए सदन में रखा गया है उन्होंने बालाघाट की रेलवे की समस्या को रखते हुए कहा कि आज बालाघाट जिले में एशिया की सबसे बड़ी मैंगनीज खदान होने के बावजूद भी आज बालाघाट जिले में रेल की कनेक्टिविटी नहीं है
आपको बता दे कि बीते दिनों से लोकसभा का मानसून सत्र चल रहा है जिसमें बालाघाट सिवनी सांसद भारती पारधी को भी बोलने का मौका मिला और उन्होंने सबसे पहले जिले की रेलवे की समस्या को सदन में रखते हुए बताया कि उनका लोकसभा क्षेत्र नक्सली प्रभावित क्षेत्र है जहाँ केंद्र और राज्य की सरकार के आने के बाद नक्सलवाद पर अंकुश लगाने का काम सरकार के द्वारा किया गया है, किंतु आज भी बालाघाट पिछड़ा क्षेत्र कहलाता है क्योंकि यहां पर रेल की कनेक्टिविटी नहीं है जबकि यहां से नैरो गेज से ब्रॉड गेज जो कि अटल बिहारी के समय में शुरु की गयी थी , किंतु आज भी यहां सिंगल लाइन जैसी की वैसी बनी हुई है और सिंगल लाइन होने की वजह से आज भी यहां कनेक्टिविटी को लेकर काफी समस्या आ रही है और उनका मानना है कि जिले में रेल की ट्रैक को बढ़ाया जाए जबकि देखा जाए तो यहां से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है जबकि यहां के छात्र-छात्राएं भोपाल, इंदौर जैसे बड़े महानगरों में जाकर पढ़ाई कर रहे हैं , किंतु कनेक्टिविटी नहीं होने की वजह से उन्हें अन्य शहर में जाकर लम्बे रूट की डायरेक्ट ट्रेन पकड़ने पड़ती है, उन्होंने यह भी बताया कि बालाघाट से लगे महाराष्ट्र और सिवनी से लम्बे रूट की ट्रेन होकर गुजरती है तो उनका मानना है कि इन लम्बे रूट की ट्रेनों को आगे बढ़ाते हुए बालाघाट से भी कनेक्टिविटी दी जाए, जबकि देखा जाए तो बालाघाट में एशिया की सबसे बड़ी मैंगनीज की खदान है , उसके बावजूद भी आज बालाघाट में रेल सुविधा कनेक्टिविटी की वजह से समस्या बनी हुई है वह रेल मंत्री से यही मांग करेंगे की बालाघाट जिले में ट्रेनों की ट्रैक को बढ़ाया जाए










































